दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने से इनकार किया: क्या लोकतंत्र भाजपा के घेरे में है?

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने से इनकार किया: क्या लोकतंत्र भाजपा के घेरे में है?

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर गंभीर चिंता जताई है, जिन्हें राजधानी में प्रवेश करने का प्रयास करते समय हिरासत में लिया गया था।

सोनम वांगचुक की हिरासत: पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक को समर्थकों के साथ दिल्ली तक मार्च का नेतृत्व करते समय सिंघू सीमा के पास गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी हिरासत की व्यापक आलोचना हुई है।

पुलिस स्टेशन तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया गया: आतिशी ने भवना पुलिस स्टेशन में वांगचुक से मिलने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया, जिससे उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया।

राजनीतिक बयान: एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने बीजेपी पर लोकतंत्र से डरने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यों से अंततः लद्दाख में एलजी शासन खत्म हो जाएगा और दिल्ली में बीजेपी की पकड़ कम हो जाएगी।

भारी पुलिस उपस्थिति: कथित तौर पर भवना पुलिस स्टेशन कड़ी सुरक्षा में था, जिससे आतिशी और अन्य को हिरासत में लिए गए कार्यकर्ता तक पहुंचने से रोका जा सके।

लद्दाख में सार्वजनिक आक्रोश: वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर लद्दाख में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, भीड़ ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। स्थानीय सांसद हाजी हनीफा ने एकजुटता व्यक्त करने के लिए सिंघू सीमा का दौरा किया।

लंबे समय से चल रहा संघर्ष: हनीफा ने इस बात पर जोर दिया कि लद्दाख के लोग पिछले तीन वर्षों से अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक लड़ रहे हैं और सरकारी प्रतिरोध के बावजूद अपना संघर्ष जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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