साइना नेहवाल को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है, क्योंकि ट्रोलर्स ने उन्हें ‘गिफ्टेड’ कांस्य पदक दिए जाने की बात कही है।

साइना नेहवाल को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है, क्योंकि ट्रोलर्स ने उन्हें 'गिफ्टेड' कांस्य पदक दिए जाने की बात कही है।

नई दिल्ली: साइना नेहवाल एक बार फिर खुद का बचाव कर रही हैं, जब ट्रोलर्स ने आरोप लगाया था कि लंदन 2012 ओलंपिक के दौरान उनका कांस्य पदक ‘उपहार’ के रूप में आया था। पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद वह एक बार फिर खुद को रस्साकशी में पाती हैं।

नेहवाल ने हाल ही में दिए बयान में ट्रोलर्स पर निशाना साधते हुए कहा है-

Those who say I got Olympic medal as gift…Olympic level ke layak toh bano aap. Pehle Olympics ke liye qualify toh karke dikhao…

आपको बता दें कि साइना नेहवाल ने 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था और इस तरह ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली महिला शटलर बन गई थीं। विवाद यहीं से शुरू होता है क्योंकि अपने आखिरी गेम में साइना ने पूरा गेम नहीं खेला था क्योंकि उनकी प्रतिद्वंद्वी चीन की वांग झिन ने घुटने में मोच आने के कारण खुद को घायल कर लिया था और रिटायर्ड हर्ट हो गई थीं।

इससे यह कहानी शुरू हो गई कि साइना नेहवाल को फाइनल मैच खेले बिना ही कांस्य पदक मिल गया और उन्हें यह पदक उपहार में दिया गया।

विवाद क्यों पैदा हुआ?

अब एक सामान्य प्रश्न यह उठ रहा है कि आखिर एक बार फिर यह बहस क्यों छिड़ गई है?

Exit mobile version