दीपेंद्र हुड्डा के हेलीकॉप्टर पर भीड़ का कहर: लोगों के चढ़ने के कारण उड़ान में देरी; कैथल में सुरक्षा चूक के लिए एसएचओ निलंबित

दीपेंद्र हुड्डा के हेलीकॉप्टर पर भीड़ का कहर: लोगों के चढ़ने के कारण उड़ान में देरी; कैथल में सुरक्षा चूक के लिए एसएचओ निलंबित

कैथल, हरियाणा: कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के हेलीकॉप्टर पर कुछ लोग चढ़ गए, जिससे उड़ान भरने में दिक्कतें आईं। यह घटना उस समय हुई जब हुड्डा हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए कैथल में थे। इसके बाद वीआईपी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार एसएचओ को निलंबित कर दिया गया।

घटना का विवरण

शनिवार को दीपेंद्र हुड्डा पुंडरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार सुल्तान जडौला के लिए प्रचार करने कैथल पहुंचे। जनसभा कुराड़ गांव में हुई और हुड्डा का हेलीकॉप्टर पास के पाई गांव में उतरा। सभा में शामिल होने के बाद हुड्डा अपने हेलीकॉप्टर में वापस लौटे तो देखा कि हेलीकॉप्टर के चारों ओर बड़ी भीड़ जमा हो गई है और कई लोग हेलीकॉप्टर पर चढ़कर तस्वीरें खींच रहे हैं।

सुरक्षा दल को स्थिति को संभालने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुंडरी पुलिस स्टेशन के प्रभारी एसएचओ राम निवास कथित तौर पर हेलीकॉप्टर के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे। इस चूक के कारण कई लोग हेलीकॉप्टर के पास पहुँच गए और उसमें बैठ भी गए, जिससे सुरक्षा को काफ़ी ख़तरा पैदा हो गया। पुलिस अधिकारियों को भीड़ को तितर-बितर करने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन वे आखिरकार हुड्डा को हेलीकॉप्टर तक ले जाने में कामयाब रहे, जिससे हेलीकॉप्टर उड़ान भर सका।

सुरक्षा चूक और की गई कार्रवाई

घटना के बाद सीआईडी ​​की रिपोर्ट ने मामले को कैथल एसपी राजेश कालिया के संज्ञान में लाया, जिन्होंने तुरंत कार्रवाई की। एसएचओ पर वीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया, खास तौर पर हेलीकॉप्टर के आसपास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का। नतीजतन, सुरक्षा में चूक के लिए एसएचओ राम निवास को निलंबित कर दिया गया।

इस घटना ने हाई-प्रोफाइल यात्राओं के दौरान सुरक्षा उपायों को लागू करने में ढिलाई के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, खासकर जब इसमें राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा शामिल हो। एसएचओ का निलंबन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के महत्व को दर्शाता है।

यह सुरक्षा उल्लंघन हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान एक महत्वपूर्ण समय पर हुआ, जहां राजनीतिक अभियान जोरों पर हैं, जिससे नेताओं और अधिकारियों के लिए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है।

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