ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर व्याख्यान के दौरान ‘हिंदू विरोधी’ टिप्पणी और हमास की ‘प्रशंसा’ को लेकर विवाद

ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर व्याख्यान के दौरान 'हिंदू विरोधी' टिप्पणी और हमास की 'प्रशंसा' को लेकर विवाद

नई दिल्ली: हरियाणा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय एक बड़े विवाद में फंस गया है, क्योंकि एक प्रोफेसर ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर व्याख्यान के दौरान गाजा आधारित आतंकवादी समूह हमास का कथित रूप से महिमामंडन किया और हिंदू धर्म पर भी आक्षेप लगाया।

हरियाणा के सोनीपत में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में ‘फिलिस्तीनी वर्तमान का इतिहास और राजनीति’ शीर्षक से व्याख्यान के दौरान प्रोफेसर अचिन वनायक की टिप्पणियों पर विवाद खड़ा हो गया। प्रोफेसर ने कथित तौर पर यहूदी विरोधी बयानबाजी की और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जबकि युद्धग्रस्त गाजा पट्टी की नागरिक आबादी के साथ एकजुटता व्यक्त की।

प्रोफेसर की इस विवादित टिप्पणी पर भाजपा नेताओं के साथ-साथ नेटिज़न्स ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर प्रोफेसर के वीडियो फुटेज को शेयर किया है, जिसमें कथित तौर पर यहूदी विरोधी और हिंदू विरोधी बयानबाजी की गई है। कई नेटिज़न्स ने प्रोफेसर पर हमास को समर्थन देने का आरोप भी लगाया है, जिसने इजरायल की धरती पर सैकड़ों लोगों पर क्रूर हिंसा की है।

हिंदू संस्कृति को अपमानित करने के लिए विश्वविद्यालय की आलोचना

यह टिप्पणी दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अचिन वानाइक ने की। यह व्याख्यान 1 नवंबर को ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था।

कई भाजपा नेताओं ने प्रोफेसर की वीडियो क्लिप साझा की और हिंदू संस्कृति को नीचा दिखाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा।
मुंबई भाजपा प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने लिखा, “ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आतंकवादी संगठन हमास के समर्थन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।” उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम के दौरान हिंदू संस्कृति, हिंदू धर्म, हिंदुत्व, आरएसएस, भाजपा और भारतीय सेना को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई गई, जिससे कथित तौर पर कुछ छात्रों और शिक्षकों में असहजता पैदा हुई।”

भाजपा युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश ने कहा कि यह “शर्मनाक घटना” है और विश्वविद्यालय “हिंदुओं और भारत को बदनाम करते हुए हमास और आत्मघाती हमलों का महिमामंडन कर रहा है।”

विवाद क्यों?

प्रोफेसर अचिन वानाइक ने विश्वविद्यालय में अपने व्याख्यान के दौरान ज़ायोनिज़्म और हिंदू धर्म के बीच समानताएं बताईं।
उन्होंने कहा, “ज़ायोनीवाद मुस्लिम विरोधी नहीं है। यह फिलिस्तीन विरोधी है, लेकिन यह मौजूदा इस्लामोफोबिया का सहारा लेकर खुश है। हिंदुत्व मूल रूप से मुस्लिम विरोधी है।”

वायरल वीडियो क्लिप में से एक में प्रोफेसर ने कथित तौर पर हमास के आतंक के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई को ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया है। हमास का यह समर्थन तब आया जब 7 अक्टूबर को हुए बर्बर आतंकी हमले में सैकड़ों इजरायलियों की हत्या कर दी गई थी।

यह बात सभी जानते हैं कि भारत ने हमास के आतंकवादियों द्वारा किए गए बर्बर और अमानवीय आतंकी हमले के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाया है और आतंकवाद के खिलाफ इजरायल की लड़ाई का समर्थन किया है।

लेखक ने कथित तौर पर हिंदू धर्म पर भी टिप्पणी की और कहा कि यह सबसे पुरानी सभ्यता नहीं है जैसा कि कई लोग कहते हैं।

ओपी जिंदल विश्वविद्यालय का स्पष्टीकरण

हालांकि, सोशल मीडिया पर विवाद के बावजूद ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है, लेकिन इसके एक प्रवक्ता ने कहा कि “वीडियो को गलत संदर्भ में लिया गया है।”

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