सरकार ने 156 फिक्स्ड-डोज़ संयोजन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया: पूरी सूची
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 156 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक और मल्टीविटामिन शामिल हैं। 21 अगस्त को जारी एक गजट नोटिस में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की कि इन दवाओं के उत्पादन, विपणन और वितरण पर अब इनसे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंधित एफडीसी में एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक दवाएं, दर्द निवारक, मल्टीविटामिन और बुखार एवं उच्च रक्तचाप के लिए संयुक्त उपचार शामिल हैं।
एफडीसी दवाएं क्या हैं?
फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाएँ ऐसी दवाएँ हैं जिनमें दो या अधिक सक्रिय दवा सामग्री का एक विशिष्ट अनुपात शामिल होता है और इन्हें आमतौर पर कॉकटेल दवाएँ कहा जाता है। 12 अगस्त को, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना जारी कर प्रमुख दवा कंपनियों की आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दर्द निवारक दवा ‘एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg टैबलेट’ पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
प्रतिबंधित सूची में ये भी शामिल हैं: मेफेनामिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन, सेट्रीजीन एचसीएल + पैरासिटामोल + फेनिलफ्रीन एचसीएल, लेवोसेट्रीजीन + फेनिलफ्रीन एचसीएल + पैरासिटामोल, पैरासिटामोल + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फेनिल प्रोपेनोलामाइन, तथा कैमिलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 मिग्रा + पैरासिटामोल 300 मिग्रा।
प्रतिबंधित एफडीजी दवाओं की पूरी सूची
पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के संयोजन पर प्रतिबंध
केंद्र ने पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन के मिश्रण पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रामाडोल, एक ओपिओइड-आधारित दर्द निवारक दवा है, जो इस प्रतिबंधित मिश्रण में शामिल है।
अधिसूचना में कहा गया है, “केन्द्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवा के उपयोग से मानव को खतरा होने की संभावना है, जबकि उक्त दवा के सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं।”
केंद्र द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने इस मुद्दे की समीक्षा की, जिसने इन एफडीसी को तर्कहीन माना। अधिसूचना में कहा गया है, “एफडीसी से मानव को खतरा हो सकता है। इसलिए व्यापक जनहित में, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 26 ए के तहत इस एफडीसी के निर्माण, बिक्री या वितरण पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।”
बयान में कहा गया है, “उपर्युक्त को देखते हुए, मरीजों पर इसके किसी भी तरह के उपयोग के लिए किसी भी तरह का विनियमन या प्रतिबंध उचित नहीं है। इसलिए, केवल धारा 26ए के तहत प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की जाती है।”
डीटीएबी की सिफारिशों के आधार पर अधिसूचना में कहा गया है कि “केन्द्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि देश में मानव उपयोग के लिए उक्त दवा के विनिर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाना जनहित में आवश्यक और समीचीन है।”