मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क तीर्थयात्रा

मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर, उज्जैन और धार के लिए भविष्य की विकास योजनाओं पर चर्चा की

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना (मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना) मध्य प्रदेश सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य राज्य के बुजुर्ग नागरिकों को भारत भर में महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा करने का अवसर निःशुल्क प्रदान करना है। यहाँ इस योजना का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

प्रमुख विशेषताऐं:

लक्षित समूह: यह योजना मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए है जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं। विशेष मामलों में, 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों पर भी विचार किया जा सकता है, खासकर यदि वे वरिष्ठ नागरिकों या दिव्यांग तीर्थयात्रियों के साथी हैं। निःशुल्क तीर्थयात्रा: सरकार तीर्थयात्रा का पूरा खर्च वहन करती है, जिसमें यात्रा, आवास, भोजन और गंतव्य पर स्थानीय परिवहन शामिल है। यह मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जो ऐसी यात्राओं का खर्च नहीं उठा सकते। कवर किए गए गंतव्य: यह योजना भारत भर के विभिन्न धार्मिक और तीर्थ स्थलों को कवर करती है। कुछ उल्लेखनीय स्थलों में वैष्णो देवी, तिरुपति, जगन्नाथ पुरी, द्वारका, रामेश्वरम और काशी (वाराणसी) शामिल हैं। सरकार मांग के आधार पर इन स्थलों का चयन करती है। यात्रा व्यवस्था: तीर्थयात्रियों को मुख्य रूप से ट्रेनों के माध्यम से ले जाया जाता है, जिसमें आरामदायक और सुरक्षित यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। व्यवस्थाओं में एसी कोच, चिकित्सा सुविधाएँ और यात्रा के दौरान एक गाइड की उपस्थिति शामिल है। पात्रता: आवेदक मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए। उनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए, हालाँकि साथी कम उम्र के भी हो सकते हैं। यह योजना सभी धर्मों के लोगों के लिए खुली है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क तीर्थयात्रा

आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक पोर्टल या नामित सरकारी कार्यालयों के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफ़लाइन तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आमतौर पर आयु प्रमाण, पहचान प्रमाण और निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। साथी: शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्ति (परिवार का सदस्य या कोई अन्य) तीर्थयात्रियों के साथ जा सकता है, यदि वे 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं या दिव्यांग हैं। आवृत्ति: पात्र व्यक्ति इस योजना के तहत केवल एक बार भाग ले सकते हैं।

यह योजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों का हिस्सा है कि वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय या शारीरिक बाधाओं के बावजूद अपनी आध्यात्मिक आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर मिले।

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