पंजाब समाचार: यहां अपने सरकारी आवास पर शहीदी सभा की व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़कों की मरम्मत के लिए पहले ही धन आवंटित कर दिया है और काम समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को गुरुद्वारा साहिब की ओर जाने वाली हर सड़क पर हेल्प लाइन सेंटर स्थापित करने को कहा ताकि सभा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि श्री फतेहगढ़ साहिब का हर कोना सीसीटीवी कैमरों के दायरे में रहे ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शहीदी सभा के दौरान सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष आने वाले हजारों तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विस्तृत व्यवस्था की जानी चाहिए और सभा के दौरान शहर की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पवित्र भूमि न केवल सिखों बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है क्योंकि वे सभी हर साल छोटे साहिबजादों और माता गुजरी को उनके शहीदी दिवस पर सम्मान देने के लिए यहां जुटते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी कि शहीदी सभा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं इस कार्य की निगरानी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह समयबद्ध तरीके से पूरा हो। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पवित्र भूमि पर माता गुजरी जी के साथ-साथ साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की शहादत ने युगों-युगों तक पंजाबियों को अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि छोटे साहिबजादों ने छोटी उम्र में जो सर्वोच्च बलिदान दिया, उसकी विश्व इतिहास में शायद ही कोई मिसाल मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि हर साल शहीदी सभा के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं, इसलिए राज्य सरकार इस शहर को पूरी तरह से नया रूप दे रही है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थान पर आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार कर्तव्यबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए कि किसी भी तीर्थयात्री को उनकी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
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