छठ पूजा 2024 दिन 2 खरना
खरना पूजा 2024: चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व होता है. इस दिन से व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। खरना के दिन बनाए जाने वाले प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है. इस प्रसाद को खाकर महिलाएं कठिन से कठिन व्रत की शुरुआत करती हैं। इस साल खरना 6 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस चीज के बिना खरना पूजा अधूरी मानी जाती है. इसलिए अगर आप पहली बार छठ व्रत कर रहे हैं तो खरना प्रसाद और नियमों के बारे में पहले से जरूर जान लें.
इस चीज के बिना अधूरी है खरना पूजा
खरना के दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और सूर्यास्त के बाद ही भोजन और पानी ग्रहण करती हैं। खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर चावल और गुड़ की खीर बनाई जाती है. इस खीर के बिना खरना पूजा अधूरी मानी जाती है. खरना के दिन खीर को प्रसाद के रूप में खाया जाता है. इस खीर को खाकर महिलाएं अपने 36 घंटे के छठ व्रत की शुरुआत करती हैं। खरना के दिन गड्ढ़े में बनी चावल की खीर खाने का विशेष महत्व होता है. खरना का अर्थ शरीर और मन की शुद्धि बताया गया है. खरना के प्रसाद में गुड़-चावल की खीर के अलावा केला और रोटी भी शामिल होती है.
छठ पूजा 2024 दिन 2: खरना पूजा अनुष्ठान
खरना का प्रसाद साफ और नए बर्तनों से ही बनाना चाहिए. प्रसाद तैयार करने के लिए मिट्टी का चूल्हा या नया और धुला हुआ गैस/चूल्हा ही इस्तेमाल करें। पवित्र मन से खरना पूजा करें और फिर छठ व्रत का संकल्प लें। भगवान को खीर, रोटी और केले का भोग लगाएं. इसके बाद छठ व्रती को सबसे पहले खरना का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए. व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के दौरान सभी मौन रहे। व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों को प्रसाद खाना चाहिए। खरना के दिन भूलकर भी नमक या अन्य तामसिक चीजों का सेवन न करें। छठ व्रत के दौरान व्रती को जमीन पर सोना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक और लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी किसी भी बात की सच्चाई का कोई प्रमाण नहीं देता है।)
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