सीईसी राजीव कुमार ने ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज किया, 100% सुरक्षा का दावा किया

सीईसी राजीव कुमार ने ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज किया, 100% सुरक्षा का दावा किया

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाए गए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कुमार ने आश्वासन दिया कि ईवीएम 100% फुलप्रूफ हैं और इन्हें हैक या हेरफेर नहीं किया जा सकता है।

आरोपों की वजह क्या है?

कांग्रेस ने चुनाव परिणामों में विसंगतियों का दावा किया, उन्हें अलग-अलग बैटरी की ताकत से जोड़ा ईवीएम. पार्टी ने आरोप लगाया कि इससे कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में हेरफेर हुआ, जिससे मतदान प्रणाली की अखंडता पर बहस छिड़ गई।

जवाब में राजीव कुमार ने सफाई दी

बैटरी की ताकत अप्रासंगिकता: ईवीएम कैलकुलेटर के समान एकल-उपयोग वाली बैटरी का उपयोग करते हैं, और उनका प्रदर्शन बैटरी की ताकत से अप्रभावित रहता है।
पारदर्शिता के उपाय: ईवीएम संचालन के हर चरण में – परीक्षण से लेकर सीलिंग तक – पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दल के प्रतिनिधि या एजेंट मौजूद रहते हैं।
कठोर प्रक्रियाएँ: विस्तृत प्रोटोकॉल ईवीएम की सुरक्षा करते हैं, जिससे छेड़छाड़ लगभग असंभव हो जाती है।
कुमार ने कहा, “ईवीएम मजबूत हैं और हमने उनकी सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।”

चुनाव आयोग का रुख

चुनाव आयोग ने लगातार कहा है कि ईवीएम मतदान का एक विश्वसनीय और सुरक्षित साधन है। इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि बैटरी की ताकत नतीजों को प्रभावित करती है या ईवीएम में हेरफेर की आशंका है।

ईवीएम में विश्वास का आह्वान

मुख्य चुनाव आयुक्त का कड़ा खंडन भारत की चुनावी प्रक्रिया की मजबूती और पारदर्शिता पर जोर देता है। जैसा कि ईवीएम की अखंडता पर बहस जारी है, चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।

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