कार निर्माता कंपनियां अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने वाले खरीदारों को छूट देने पर सहमत
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की है कि यात्री और वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं को खरीदारों के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले नए वाहन खरीदने पर छूट देने पर सहमत होना होगा। कार मालिकों को इसके लिए वैध जमा प्रमाणपत्र भी मिलेगा, ताकि वे इस कार्य को प्रमाणित कर सकें।
यह निर्णय मंत्री की अध्यक्षता में सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसआईएएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में लिया गया, जिसमें ऑटो क्षेत्र के समक्ष प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
गडकरी ने एक्स से कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरी सिफारिश के जवाब में, कई वाणिज्यिक और यात्री वाहन निर्माताओं ने वैध जमा प्रमाणपत्र के साथ पुराने वाहनों को हटाने के बदले नए वाहनों की खरीद पर छूट देने पर सहमति व्यक्त की है। यह पहल हमारे सर्कुलर इकोनॉमी प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाएगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारी सड़कों पर स्वच्छ, सुरक्षित और अधिक कुशल वाहन हों।”
उन्होंने वाहन बेड़े आधुनिकीकरण कार्यक्रम में भाग लेने की पहल करने वाले ऑटोमोबाइल निर्माताओं को भी बधाई दी।
भारत की प्रमुख ऑटो कम्पनियां अपने पुराने वाहनों को बेचकर नया वाहन खरीदने वाले खरीदारों को 1.5-3.5 प्रतिशत की छूट देने की पेशकश कर सकती हैं।
मंत्री ने पिछले साल कहा था कि देश को 1,000 वाहन स्क्रैपिंग सेंटर और 400 स्वचालित फिटनेस परीक्षण केंद्रों की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय वाहन परिमार्जन नीति को सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद बताते हुए मंत्री ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में परिमार्जन केन्द्र बन सकता है।
गडकरी ने कहा, “सर्कुलर अर्थव्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है और इससे देश में रोजगार पैदा होंगे।”
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2021 में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति शुरू की और कहा कि इससे अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद मिलेगी और एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
वाहन कबाड़ नीति 1 अप्रैल, 2022 को लागू हुई। नीति के तहत, केंद्र ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) पुराने वाहनों को कबाड़ करने के बाद खरीदे गए वाहनों के लिए सड़क कर पर 25 प्रतिशत तक कर छूट प्रदान करेंगे।
केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित इस नीति में वाणिज्यिक वाहनों की खरीद के 15 साल बाद फिटनेस परीक्षण का प्रावधान है, जबकि निजी वाहनों के मामले में यह अवधि 20 वर्ष निर्धारित की गई है।
नीति के तहत पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की परिकल्पना की गई है, क्योंकि वे अधिक प्रदूषण पैदा करते हैं।
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आईएएनएस से इनपुट्स