उत्तर प्रदेश के बरेली से पारिवारिक विश्वासघात के एक चौंकाने वाले मामले में, एक व्यक्ति को आठ महीने से अधिक समय तक अपनी भाभी के साथ बार-बार बलात्कार करने के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई है। अदालत ने आरोपी पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया।
घटना और न्यायालय की टिप्पणी
पीड़िता ने अदालत को दिए अपने बयान में बताया कि उसका पति अक्सर काम के सिलसिले में हल्द्वानी जाता था और उसकी अनुपस्थिति के दौरान उसका जीजा उसकी कमजोरी का फायदा उठाता था। शुरुआत में उसने उसकी बातों को चंचल मजाक कहकर खारिज कर दिया, लेकिन बाद में वह उसकी चालाकियों के आगे झुक गई। आघात के बावजूद, उसने तुरंत दुर्व्यवहार की रिपोर्ट नहीं की, और जब उसने रिपोर्ट दर्ज करने का प्रयास किया, तो पुलिस ने उसके मामले को खारिज कर दिया। एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज किया गया था और आरोपी को दोषी ठहराया गया था।
विश्वासघात का दिल दहला देने वाला लेखा-जोखा
महिला की गवाही से अदालत भावविभोर हो गई। एक महिला को अपने ही घर में असुरक्षित महसूस करना यह दुखद विडंबना है कि यह किसी की भी अंतरात्मा को झकझोर देने के लिए काफी है। उसने अदालत को बताया कि कैसे, पहले हमले के बाद, परिवार ने हस्तक्षेप किया लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे आरोपी को अपराध दोहराने का साहस मिला। अपने लिए न्याय पाने से पहले उसने भावनात्मक और शारीरिक रूप से इस तरह के दुर्व्यवहार को कैसे सहन किया, इसका उसका विवरण बहुत ही व्यावहारिक है।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने फैसले में कहा कि यह दुखद तथ्य है कि जिन महिलाओं को घर में सुरक्षित रहने के लिए कहा जाता है, उनका अब भी शोषण हो रहा है। पीड़िता की मां की सलाह पर जज की टिप्पणी स्थिति की विडंबना को उजागर करती है- ”हमारी बेटियां कहां सुरक्षित हैं?
यह मामला घरेलू दुर्व्यवहार के मुद्दे और महिलाओं के लिए, विशेषकर उनके अपने घरों के भीतर, मजबूत सुरक्षा और सहायता प्रणालियों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। आजीवन कारावास की सजा देने का अदालत का निर्णय ऐसे अपराधों की गंभीरता और न्याय के महत्व की याद दिलाता है।