बृज भूषण ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का मजाक उड़ाया: ‘भाजपा का एक छोटा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा’

बृज भूषण ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का मजाक उड़ाया: 'भाजपा का एक छोटा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा'

गोंडा (उप्र), छह सितंबर (भाषा) पूर्व भाजपा सांसद और पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार को पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के राजनीति में आने को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि अगर वे हरियाणा में चुनाव लड़ेंगे तो कोई भी भाजपा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा। साथ ही उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की भी पेशकश की, अगर उनकी पार्टी अनुमति दे।

जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर अपने आवास विश्नोहरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ”इन पहलवानों ने कुश्ती के बल पर खेल में नाम कमाया और मशहूर हुए। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद इनका नामोनिशान मिट जाएगा।” इससे पहले, तत्कालीन डब्ल्यूएफआई प्रमुख सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध में सबसे आगे रहने वाले फोगट और पुनिया ”न डरने और न पीछे हटने” की कसम के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे।

ऐसे संकेत हैं कि दोनों या कम से कम एक हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ सकता है।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, “ये लोग राजनीति को हवा समझते हैं। उन्हें लगता है कि वे हरियाणा से विधानसभा चुनाव जीत जाएंगे। वे हरियाणा की किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ लें, भाजपा का छोटा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा।” उन्होंने आगे कहा, “अगर मेरी पार्टी निर्देश देगी तो मैं भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार करने जाऊंगा। मेरा दावा है कि मुझे उनके समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिलेगा। मैं उनके सामने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए भी तैयार हूं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान “हरियाणा के लोग कह रहे थे कि अगर आप यहां से चुनाव लड़ेंगे तो हम आपको जिताएंगे, लेकिन उस समय मैंने उन्हें मना कर दिया था।”

सिंह ने कहा कि कई कांग्रेस नेता पहलवानों को न्याय दिलाने के नाम पर उनके विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक के बाद एक कई पहलवानों को अपना मोहरा बनाया गया। कांग्रेस ने पहलवानों के साथ मिलकर इस देश में कुश्ती को नष्ट कर दिया है।’’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शासनकाल में कुश्ती को देश में कोई जानता नहीं था। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनने के बाद मेरे प्रयासों से भारत में कुश्ती के बारे में लोगों को पता चलने लगा और पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते।” उन्होंने यह भी कहा कि जब पहलवान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब नंदिनी नगर (गोंडा) में जूनियर और सीनियर स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।

सिंह ने आरोप लगाया, “लेकिन इन लोगों ने विरोध किया और उस प्रतियोगिता को रद्द करवा दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि जूनियर और सीनियर खिलाड़ी अपनी उम्र में कुश्ती नहीं लड़ सके।”

उन्होंने यह भी दोहराया कि यह विरोध प्रदर्शन “कांग्रेस की साजिश” है।

सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने पहले दिन जो कहा था, मैं आज भी उस पर कायम हूं और आज पूरा देश यही बात कह रहा है। अब मुझे इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है।’’

गुरुवार को यहां एक निजी स्कूल में स्मार्टफोन वितरण समारोह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा, ”हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं।” कार्यक्रम में सिंह ने यह भी कहा, ”अब मुझे इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। मैं इस प्रकरण पर ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा, नहीं तो यह बात तुरंत हरियाणा तक पहुंच जाएगी। इस समय पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह इस मुद्दे पर कुछ कहें।” उन्होंने कहा, ”जब महिला पहलवानों ने मुझ पर आरोप लगाए थे, तब मैंने कहा था कि यह कांग्रेस की साजिश है।”

उन्होंने कहा, “1996 में भी मेरे खिलाफ साजिश हुई थी। उस समय मेरी पत्नी केतकी सिंह सांसद बनी थीं। मैं उन दिनों साजिश के तहत तिहाड़ जेल में था। इसके बाद 2023 में भी मेरे खिलाफ साजिश हुई। तब मेरी जगह मेरे छोटे बेटे करण भूषण सिंह सांसद बन गए।”

1996 में सिंह को मुंबई में एक आपराधिक मामले में टाडा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया और फिर तिहाड़ जेल में रखा गया। उनकी जगह भाजपा ने उनकी पत्नी को गोंडा से लोकसभा चुनाव में उतारा और वह निर्वाचित हुईं।

महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भाजपा ने सिंह को कैसरगंज से टिकट नहीं दिया और उनके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया।

करण भूषण सिंह ने सपा के भगत राम को 1.48 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर लोकसभा चुनाव जीता।

सिंह ने अपने भाषण में कहा, “इस घटना से पहले मेरे साथ कोई सेल्फी नहीं लेता था। अब इस घटना के बाद हीरो-हीरोइन भी सेल्फी ले रहे हैं, यहां तक ​​कि साधु-संत भी सेल्फी ले रहे हैं।”

यह भी पढ़ें | हरियाणा चुनाव: कांग्रेस ने पहली सूची में भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगट को टिकट दिया, सीएम नायब सैनी के प्रतिद्वंद्वी का नाम भी घोषित

(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)

गोंडा (उप्र), छह सितंबर (भाषा) पूर्व भाजपा सांसद और पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार को पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के राजनीति में आने को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि अगर वे हरियाणा में चुनाव लड़ेंगे तो कोई भी भाजपा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा। साथ ही उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की भी पेशकश की, अगर उनकी पार्टी अनुमति दे।

जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर अपने आवास विश्नोहरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ”इन पहलवानों ने कुश्ती के बल पर खेल में नाम कमाया और मशहूर हुए। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद इनका नामोनिशान मिट जाएगा।” इससे पहले, तत्कालीन डब्ल्यूएफआई प्रमुख सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध में सबसे आगे रहने वाले फोगट और पुनिया ”न डरने और न पीछे हटने” की कसम के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे।

ऐसे संकेत हैं कि दोनों या कम से कम एक हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ सकता है।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, “ये लोग राजनीति को हवा समझते हैं। उन्हें लगता है कि वे हरियाणा से विधानसभा चुनाव जीत जाएंगे। वे हरियाणा की किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ लें, भाजपा का छोटा उम्मीदवार उन्हें हरा देगा।” उन्होंने आगे कहा, “अगर मेरी पार्टी निर्देश देगी तो मैं भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार करने जाऊंगा। मेरा दावा है कि मुझे उनके समुदाय के लोगों का भरपूर समर्थन मिलेगा। मैं उनके सामने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए भी तैयार हूं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान “हरियाणा के लोग कह रहे थे कि अगर आप यहां से चुनाव लड़ेंगे तो हम आपको जिताएंगे, लेकिन उस समय मैंने उन्हें मना कर दिया था।”

सिंह ने कहा कि कई कांग्रेस नेता पहलवानों को न्याय दिलाने के नाम पर उनके विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘एक के बाद एक कई पहलवानों को अपना मोहरा बनाया गया। कांग्रेस ने पहलवानों के साथ मिलकर इस देश में कुश्ती को नष्ट कर दिया है।’’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शासनकाल में कुश्ती को देश में कोई जानता नहीं था। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनने के बाद मेरे प्रयासों से भारत में कुश्ती के बारे में लोगों को पता चलने लगा और पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते।” उन्होंने यह भी कहा कि जब पहलवान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब नंदिनी नगर (गोंडा) में जूनियर और सीनियर स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।

सिंह ने आरोप लगाया, “लेकिन इन लोगों ने विरोध किया और उस प्रतियोगिता को रद्द करवा दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि जूनियर और सीनियर खिलाड़ी अपनी उम्र में कुश्ती नहीं लड़ सके।”

उन्होंने यह भी दोहराया कि यह विरोध प्रदर्शन “कांग्रेस की साजिश” है।

सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने पहले दिन जो कहा था, मैं आज भी उस पर कायम हूं और आज पूरा देश यही बात कह रहा है। अब मुझे इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है।’’

गुरुवार को यहां एक निजी स्कूल में स्मार्टफोन वितरण समारोह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा, ”हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं।” कार्यक्रम में सिंह ने यह भी कहा, ”अब मुझे इस बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। मैं इस प्रकरण पर ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा, नहीं तो यह बात तुरंत हरियाणा तक पहुंच जाएगी। इस समय पूरा देश इस बात का इंतजार कर रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह इस मुद्दे पर कुछ कहें।” उन्होंने कहा, ”जब महिला पहलवानों ने मुझ पर आरोप लगाए थे, तब मैंने कहा था कि यह कांग्रेस की साजिश है।”

उन्होंने कहा, “1996 में भी मेरे खिलाफ साजिश हुई थी। उस समय मेरी पत्नी केतकी सिंह सांसद बनी थीं। मैं उन दिनों साजिश के तहत तिहाड़ जेल में था। इसके बाद 2023 में भी मेरे खिलाफ साजिश हुई। तब मेरी जगह मेरे छोटे बेटे करण भूषण सिंह सांसद बन गए।”

1996 में सिंह को मुंबई में एक आपराधिक मामले में टाडा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया और फिर तिहाड़ जेल में रखा गया। उनकी जगह भाजपा ने उनकी पत्नी को गोंडा से लोकसभा चुनाव में उतारा और वह निर्वाचित हुईं।

महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भाजपा ने सिंह को कैसरगंज से टिकट नहीं दिया और उनके बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया।

करण भूषण सिंह ने सपा के भगत राम को 1.48 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर लोकसभा चुनाव जीता।

सिंह ने अपने भाषण में कहा, “इस घटना से पहले मेरे साथ कोई सेल्फी नहीं लेता था। अब इस घटना के बाद हीरो-हीरोइन भी सेल्फी ले रहे हैं, यहां तक ​​कि साधु-संत भी सेल्फी ले रहे हैं।”

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(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)

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