केजरीवाल की जमानत पर भाजपा के गौरव भाटिया: “जेल वाले सीएम से बेल वाले सीएम तक, केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए!”
आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सशर्त जमानत दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पद छोड़ने की मांग तेज कर दी है। भाजपा नेताओं ने केजरीवाल की निंदा की है, उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और उनकी नैतिक ईमानदारी को चुनौती दी है। उन्होंने केजरीवाल को ‘जेल वाला’ सीएम करार दिया है जो अब ‘बेल वाला’ सीएम बन गया है।
भाजपा की आलोचना और मांगें
भाजपा नेता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने ‘कट्टर बेईमान’ आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर आईना दिखाया है… उन्हें सशर्त जमानत मिली है… ‘जेल वाला’ सीएम अब ‘बेल वाला’ सीएम है… सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली की जनता की आवाज पर अरविंद केजरीवाल सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए… लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उनमें नैतिकता का एक कतरा भी नहीं है… वह कहते थे कि आरोप लगने पर भी नेता को इस्तीफा दे देना चाहिए। और अब वह जमानत पर बाहर हैं, वह 6 महीने जेल में रहे, लेकिन वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं… भ्रष्टाचार युक्त, सीएम अभियुक्त… अब वह आरोपी की श्रेणी में आ गए हैं।” भाटिया ने आगे जोर देते हुए कहा कि केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, उनका तर्क है कि मुख्यमंत्री का पद पर बने रहना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करता है।
भाटिया ने कहा, “अदालत में उनकी दलील यह थी कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी में कोई अवैधता नहीं है… गिरफ्तारी संवैधानिक थी… सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दुष्प्रचार को ध्वस्त कर दिया… अरविंद केजरीवाल को कभी किसी अदालत से राहत नहीं मिली और कोई भी आरोप खारिज नहीं किया गया… उन्हें बरी नहीं किया गया… बरी होने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मुकदमा जारी रहेगा… आप को जवाब देना होगा कि अरविंद केजरीवाल इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं… भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखती है… भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल एक दिन झुकेंगे और लोग उनसे इस्तीफा ले लेंगे।”
इसी तरह की आलोचनात्मक लहजे में दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल से पद छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा, “हम आग्रह करते हैं कि अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए…अरविंद केजरीवाल और आप का कोई नैतिक चरित्र नहीं है। वे ‘सत्यमेव जयते’ के सच्चे अर्थ से बहुत दूर हैं…सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि गिरफ्तारी कानूनी थी। इसके बावजूद अगर आप ‘सत्यमेव जयते’ कहते हैं – ऐसा ‘सत्यमेव’ आपको मुबारक।”
सचदेवा ने आगे कहा, “अरविंद केजरीवाल को आज जमानत मिल गई है। मैं कहना चाहूंगा कि आप ‘जमानती क्लब’ बन गई है और अरविंद केजरीवाल का वहां स्वागत है। सुप्रीम कोर्ट ने बहुत गंभीर टिप्पणियां की हैं, उसने कहा है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और अगर यह कानूनी थी तो कोर्ट जांच एजेंसियों द्वारा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए आबकारी नीति घोटाले के तथ्यों और सबूतों से संतुष्ट है। जमानत का मतलब बरी होना नहीं है, यह एक अदालती प्रक्रिया है और सभी को जमानत मिलती है – इसका सबसे बड़ा उदाहरण लालू यादव हैं…अरविंद केजरीवाल भी अपवाद नहीं हैं। चीजें कोर्ट के सामने हैं, मुझे लगता है कि जिस दिन उन्हें दोषी ठहराया जाएगा, केजरीवाल और उनके सहयोगियों को सजा मिलेगी…हम आग्रह करते हैं कि अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए…अरविंद केजरीवाल और आप का कोई नैतिक चरित्र नहीं है। वे ‘सत्यमेव जयते’ के सही अर्थ से कोसों दूर हैं। वे दिल्ली के लोगों को लूटते और धोखा देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि गिरफ्तारी कानूनी थी।” उन्होंने अन्य राजनीतिक हस्तियों के साथ तुलना करते हुए कहा कि जमानत का मतलब निर्दोष होना नहीं है तथा असली परीक्षा तो अदालत के अंतिम फैसले के साथ होगी।
भाजपा की बयानबाजी आगामी चुनावों से पहले केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) को बदनाम करने की पार्टी की व्यापक रणनीति को रेखांकित करती है। पार्टी के नेता केजरीवाल के खिलाफ अपने रुख को मजबूत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का फायदा उठा रहे हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।