भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बीच संसद सत्र के दौरान “अस्थिरता” पैदा करने के लिए रविवार को कांग्रेस और विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि बुच के पास अडानी समूह के कथित धन गबन घोटाले से जुड़े ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी है।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने संसद सत्र से पहले एक विदेशी एजेंसी की रिपोर्ट जारी की है ताकि सत्र के दौरान अस्थिरता पैदा की जा सके। अडानी समूह के खिलाफ पिछली हिंडनबर्ग रिपोर्ट पिछले साल जनवरी में आई थी और विपक्ष ने अगले बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था।
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त्रिवेदी ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन्स’ का भी जिक्र किया, जिसने देश में काफी हंगामा मचाया था।
भाजपा सांसद ने कहा, “ये सभी घटनाक्रम संसद सत्र के दौरान होते हैं… विपक्ष के विदेश में ऐसे संबंध हैं कि वे भारत के प्रत्येक संसद सत्र के दौरान अस्थिरता और अराजकता पैदा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “वे भ्रम के माध्यम से भारत में आर्थिक अराजकता पैदा करना चाहते हैं… अब वे सेबी पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस पिछले 30-40 वर्षों से हमेशा विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी रहती है।”
भाजपा नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रिपोर्ट को “अटपटे अनुमानों और अटकलों का एक समूह बताया, जिसे कुछ सच्चाई के साथ जोड़ा जा रहा है।”
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कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस पुरानी पार्टी ने झूठ की राजनीति की रणनीति अपना ली है और अब वह “हमारी वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने के लिए विदेशी मदद मांग रही है।”
उन्होंने कहा, “भारत की वित्तीय प्रणाली आज दुनिया में सबसे मजबूत है…भारतीय बैंक मजबूत हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दस वर्षों में भारतीय वित्तीय क्षेत्र का पुनर्निर्माण किया है।”
उन्होंने आरोप लगाया, “ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने पिछले दस वर्षों में झूठ की राजनीति की रणनीति अपनाई है और अब वह स्वतंत्र नियामक सेबी पर हमला करके तथा सेबी के अध्यक्ष पर संदेह व्यक्त करके हमारी वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने तथा देश में अराजकता पैदा करने के लिए विदेशी मदद मांग रही है।”