बिहार में बड़ा हादसा: झारखंड जा रही नाव गंगा नदी में पलटी, 3 की मौत

बिहार में बड़ा हादसा: झारखंड जा रही नाव गंगा नदी में पलटी, 3 की मौत

बिहार के कटिहार जिले में रविवार सुबह एक दर्दनाक नाव दुर्घटना हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और चार लोग लापता हैं। यह हादसा गंगा नदी में तब हुआ जब बिहार के गोलाघाट से झारखंड के सकरी गली जा रही एक नाव बिना किसी चेतावनी के पलट गई।

घटना रिपोर्ट

वह नाव जिसमें 18 यात्री सवार थे, सुबह 8:30 बजे गोलाघाट बंदरगाह, जो सकरी गली की ओर है, से रवाना हुई। रिपोर्टों में कहा गया है कि तेज धारा ने नाव को किनारे कर दिया और वह तुरंत गंगा नदी के मध्य भाग में पलट गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे जिससे वजन बहुत बढ़ गया जिससे नाव अस्थिर हो गई और अंततः पलट गई। हताहत और लापता व्यक्ति

दुर्भाग्य से, दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक साल का बच्चा भी शामिल था। मृतकों की पहचान 70 साल के सुधीर मंडल और 60 साल के पवन कुमार के रूप में की गई है, जो कटिहार के मेघू टोला के रहने वाले थे. पीड़ितों के शव नदी से बरामद कर लिए गए हैं और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

चार लोग लापता हैं और माना जा रहा है कि वे दुर्घटना के शिकार हो गए हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) सहित बचाव दल को गोताखोरों और अन्य विशेष उपकरणों का उपयोग करके लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए तैनात किया गया है।

बचाव अभियान और आपातकालीन प्रतिक्रिया

संकटपूर्ण कॉल प्राप्त होने के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को घटनास्थल पर भेजा। सबसे पहले पहुंचे बीडीओ दुर्गेश कुमार, सीओ स्नेहा कुमारी व थाना प्रभारी कुन्दन कुमार ने पीड़ितों व उनके परिजनों को शीघ्र सहायता दिलाने का आश्वासन दिया. टेंटों में सिलेंडर विस्फोटों के कारण लगी भीषण आग से निपटने के लिए छह दमकल गाड़ियों को तैनात किया गया, जिससे बचाव प्रयास और भी जटिल हो गए।

नाव पर सवार 18 लोगों में से सात तैरकर सुरक्षित भाग निकले। मामूली से गंभीर चोटों के कारण चार लोगों को बचाया गया और अस्पताल ले जाया गया। बाकी चार का अभी भी पता लगाया जा रहा है.

अधिकारी जनता से डूबती नौका के शेष चार लापता यात्रियों के बारे में कोई भी जानकारी देने की अपील कर रहे हैं।

दुर्घटना का कारण

प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि नाव में क्षमता से अधिक लोग सवार थे, जिससे नाव में असंतुलन पैदा हो गया, जो गंगा नदी में तेज धाराओं के कारण और खराब हो गया, जिससे नाव की स्थिरता बाधित हो गई। दुर्घटना के पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाने और सुरक्षा मानकों के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही को उजागर करने के लिए विशेषज्ञ गहन जांच कर रहे हैं।

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