भाई दूज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। यह त्योहार बहनों के प्रति भाईचारे के प्यार को बयां करता है। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और भगवान से उनकी समृद्धि और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। भारत में इस त्यौहार के कई नाम हैं: भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बिज, यम द्वितीया और भाई टीका। यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
भाई दूज तिलक मुहूर्त 2024
हिंदू कैलेंडर में भाई दूज तिथि 2 नवंबर को रात 8:21 बजे शुरू होती है और 3 नवंबर को रात 10:05 बजे समाप्त होती है। उदय तिथि, भाई दूज 3 नवंबर 2024 को है।
तिलक लगाने का सर्वोत्तम समय (शुभ मुहूर्त)
भाई दूज के दौरान तिलक लगाने का शुभ समय दोपहर 1:19 बजे से दोपहर 3:22 बजे तक होता है, जिससे जोड़े को 2 घंटे और 12 मिनट का समय मिलता है।
भाई दूज पूजा के लिए सामग्री
तिलक समारोह करते समय, एक थाली तैयार करें जिसमें आप रोली, अक्षत जिसमें साबुत चावल के दाने, फूल, सुपारी, सुपारी, चांदी का सिक्का, सूखा नारियल, कलावा, फल, मिठाई और दीया शामिल करें। ### भाई दूज तिलक समारोह विधि (प्रक्रिया) भाई दूज की रस्म शुरू करने के लिए, भाई और बहन को स्नान करना और शुद्ध कपड़े पहनना आवश्यक है। बहन थाली बनाएगी और उत्तर-पूर्व दिशा में खड़े होकर अपने भाई को तिलक लगाएगी. उसके भाई को उत्तर या उत्तर पश्चिम की ओर मुख करके लकड़ी की सीट पर बैठाना चाहिए। बहनें अपने भाई को मिठाई, नारियल और चावल देती हैं। वे आरती भी करेंगे और उन्हें सौभाग्य और लंबी उम्र की कामना करेंगे। भाई को भी अपनी बहनों को उनके साथ स्वस्थ संबंध बनाए रखने के लिए उपहार देना पड़ता है।
भाई दूज के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
शुभ मुहूर्त में ही तिलक लगाएं और राहु काल से बचें।
भाई को लकड़ी के आसन पर बैठाकर ही देना चाहिए।
तिलक लगाने के बाद भाई की कलाई में मोली का धागा रखें।
आज किसी झगड़े की अनुमति नहीं है; केवल सात्विक भोजन ही खा सकते हैं।
भाई दूज का महत्व
भाई दूज भाई-बहन के प्यार का त्योहार है। बहनें अपने भाइयों को नारियल के साथ तिलक करती हैं और बदले में भाइयों की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को वचन देते हैं कि भाई आजीवन अभिभावक रहेंगे और हमेशा उनके साथ प्यार से रहेंगे।