धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और बागवानी फसलों की सुरक्षा के लिए चरणबद्ध तरीके से ड्रोन सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इन सेवाओं से पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक तथा कई अन्य राज्यों के छोटे किसानों को लाभ होगा।
मुंबई
स्वास्थ्य सेवा और कृषि के जीवन विज्ञान क्षेत्रों में प्रमुख दक्षताओं वाले वैश्विक उद्यम बायर ने घोषणा की है कि उसने खरीफ 2022 से कृषि में ड्रोन के व्यावसायिक अनुप्रयोग की शुरुआत की है। धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और बागवानी फसलों में फसल सुरक्षा उद्देश्यों के लिए चरणबद्ध तरीके से ड्रोन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बायर पहली कंपनी बन गई जिसने प्रौद्योगिकी विकास और विनियामक डेटा निर्माण के लिए विश्वविद्यालयों और अनुसंधान स्टेशनों के साथ आंतरिक परीक्षण और सहयोग शुरू किया। इसने 2021 में कृषि कार्यों में ड्रोन के उपयोग पर क्षेत्र परीक्षण शुरू किए और ड्रोन लेबल के लिए विनियामक डेटा तैयार किया।
इन सेवाओं से पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक तथा कई अन्य राज्यों के छोटे किसानों को फ़सलों और अन्य बागवानी फ़सलों में फ़ायदा होगा, जहाँ किसान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, इस कदम से किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और प्रगतिशील किसानों को भी फ़ायदा होगा, क्योंकि इससे उन ग्रामीण उद्यमियों को अवसर मिलेंगे जो बेटर लाइफ़ फ़ार्मिंग केंद्र चला रहे हैं और अन्य जो अपने उद्यमों के लिए ड्रोन सेवाओं का लाभ उठाने में रुचि रखते हैं, ताकि छोटे किसानों को समाधान प्रदान कर सकें। बेयर ऐसे उद्यमियों को मशीनरी, फ़सल और उत्पाद की जानकारी, व्यवसाय सहायता और प्रशिक्षण की सुविधा देकर सहायता करेगा।
इस विकास पर बोलते हुए, बायर के भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए फसल विज्ञान प्रभाग के कंट्री डिवीजनल हेड साइमन-थॉर्स्टन वीबुश ने कहा, “हम भारतीय किसानों के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने और फसल सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति देने के लिए सरकार के उत्साहजनक प्रयासों का स्वागत करते हैं। यह टिकाऊ कृषि और छोटे किसानों की समृद्धि बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हम क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कृषि में डिजिटलीकरण और मशीनीकरण को आगे बढ़ाकर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बायर मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण का समर्थन करता है और उसने किसानों को ड्रोन-आधारित सेवाएं उपलब्ध कराने तथा उभरते ग्रामीण उद्यमियों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए नवोन्मेषी भारतीय ड्रोन स्टार्ट-अप्स के साथ साझेदारी की है।
कृषि में ड्रोन के उपयोग अनंत हैं – कुशल फसल सुरक्षा से लेकर छिड़काव, मानचित्रण और सर्वेक्षण तक। ड्रोन खेती का उद्देश्य टिकाऊ कृषि उत्पादकता, वास्तविक समय की सलाह तक पहुँच और बेहतर किसान फसल उपज और आय को सक्षम करना है। ऐसी तकनीकों द्वारा बोझिल कार्यों को सह-चुना जा सकता है, जैसे कि पूरे खेत में कीट, खरपतवार और रोग नियंत्रण उत्पादों का लक्षित, एकसमान अनुप्रयोग सुनिश्चित करना। इससे किसानों के पास अन्य कार्यों के लिए अधिक समय भी हो सकता है, जो उनके खेतों में विविधता को बढ़ावा दे सकता है।
बायर द्वारा विकसित सेवा समाधान छत्र “बायर सॉल्यूशंस” कृषि परिचालनों के डिजिटल रूपांतरण को आगे बढ़ाएगा तथा सुरक्षित, टिकाऊ कृषि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।