हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है। भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सीमा पर घुसपैठ के कई प्रयासों को विफल कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया और अमेरिका ने शांति और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का आह्वान किया है। बीएसएफ ने स्थानीय अशांति के डर से पश्चिम बंगाल में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 120-140 बांग्लादेशियों द्वारा घुसपैठ के महत्वपूर्ण प्रयासों को विफल करने की सूचना दी है। स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है।
सैन्य और राजनीतिक बयान
बांग्लादेश के सैन्य प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने पुष्टि की कि यूनुस गुरुवार रात को शपथ लेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया ने शांति, प्रेम और देश के पुनर्निर्माण पर जोर देते हुए आग्रह किया।
हताहत और विनाश
हसीना के इस्तीफ़े से पहले हिंसक झड़पों में 109 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 14 पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। पूर्व मंत्रियों और सांसदों के घरों में लूटपाट की गई और हसीना के सरकारी आवास में तोड़फोड़ की गई।
ढाका में शांति लौटी
कई दिनों की हिंसा के बाद बुधवार को ढाका में शांति रही। छात्र कार्यकर्ताओं ने यातायात को नियंत्रित किया और पुलिस की हड़ताल के बाद सड़कों की सफाई की। अधिकारियों ने अधिकारियों से गुरुवार शाम तक काम पर लौटने का अनुरोध किया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
अमेरिकी विदेश विभाग ने अंतरिम सरकार से लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करने का आग्रह किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हसीना सदमे में हैं और भारत में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। उनकी योजनाएं अनिश्चित बनी हुई हैं।
क्षेत्रीय प्रभाव पर चिंताएं
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हसीना के शासन के दौरान संभावित प्रवासन और चरमपंथियों को हटाने पर चिंता व्यक्त की, तथा भारत की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला।
शेख हसीना का भविष्य
हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ब्रिटेन या अमेरिका में शरण लेने का फैसला नहीं किया है और कुछ समय के लिए नई दिल्ली में ही रहेंगी। उन्होंने बांग्लादेश में उनके सामने मौजूद खतरे पर जोर दिया, जिसके कारण उन्हें वापस जाना पड़ा।
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