निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन, जो सांप्रदायिकता की कट्टर आलोचक हैं, ने छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बीच अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है। उन्होंने शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के फ़ैसले को विडंबनापूर्ण बताया। नसरीन ने कहा कि हसीना ने उन्हें “इस्लामवादियों को खुश करने” के लिए बांग्लादेश से बाहर निकाल दिया था, और “वही इस्लामवादी”, जो छात्र आंदोलन का हिस्सा थे, ने अब हसीना को खुद देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “इस्लामवादियों को खुश करने के लिए हसीना ने मुझे 1999 में मेरे देश से बाहर निकाल दिया, जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुई थी और मुझे फिर कभी देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं, जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया।”
तस्लीमा नसरीन ने पहले एक पोस्ट में शेख हसीना पर “इस्लामवादियों को बढ़ावा देने” और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को पनपने देने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने देश में सेना के शासन के खिलाफ भी बात की और लोकतंत्र की वकालत की। तस्लीमा ने कहा कि आज “हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह अपनी स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने इस्लामवादियों को पनपने दिया। उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने दिया। अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए। सेना को शासन नहीं करना चाहिए। राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता वापस लानी चाहिए।”
यह ध्यान देने योग्य है कि नसरीन ने 1994 में बांग्लादेश छोड़ दिया था, जब कट्टरपंथी संगठनों ने उनकी किताब “लज्जा” को लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। 1993 में बांग्लादेश में इस किताब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन यह अन्य जगहों पर बेस्टसेलर बन गई। उस समय हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया प्रधानमंत्री थीं।
शेख हसीना ने इस्तीफा दिया
बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ़्तों में सबसे ज़्यादा हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें 300 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास पर धावा बोल दिया। संकट में घिरी शेख हसीना ने खुद को टकराव से दूर रखा, अपने पद से इस्तीफ़ा दिया और एक सैन्य विमान से देश छोड़ दिया। देश के सेना प्रमुख ने कुछ घंटों बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और घोषणा की कि एक अंतरिम सरकार देश चलाएगी।
शेख हसीना भारत पहुंच चुकी हैं, जहां वह देश की राजधानी दिल्ली से करीब 30 किलोमीटर दूर हिंडन एयरफोर्स बेस पर उतरीं। खबरों के मुताबिक, वह फिलहाल भारत में हैं, क्योंकि एयरफोर्स का विमान बांग्लादेश लौट चुका है।
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