बांग्लादेश, महिलाओं के खिलाफ अपराध, यूसीसी और किसान: लाल किले से पीएम मोदी के मुख्य संदेश | एबीपी न्यूज़

बांग्लादेश, महिलाओं के खिलाफ अपराध, यूसीसी और किसान: लाल किले से पीएम मोदी के मुख्य संदेश | एबीपी न्यूज़


‘सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाजू-ए-क़ातिल में है’ जैसे नारों और कई अन्य जोशीले नारों और गीतों के साथ भारत माता के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. इन्हीं बलिदानों की बदौलत हमें 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आज़ादी मिली थी. भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के सपने पूरे नहीं हुए. जब हमें ज़िम्मेदारी दी गई, तो हमने बड़े सुधार किए. हमने बदलाव के लिए सुधार चुना. हम वाहवाही के लिए सुधार नहीं करते. हम मजबूरी में नहीं बल्कि देश को मज़बूत करने के लिए सुधार करते हैं. हम राजनीति के लिए सुधार नहीं करते. हमारा एकमात्र उद्देश्य ‘राष्ट्र प्रथम’ है, यानी राष्ट्र के हित सर्वोच्च हैं. हम जो भी कदम उठाते हैं, वह भारत को महान बनाने के संकल्प के साथ होता है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हुई हिंसा का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश होने के नाते भारत के लिए बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उससे चिंतित होना स्वाभाविक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वहां स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।

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