अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश के तहत निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, उनके भाई अनुराग सिंघानिया और अन्य आरोपी लोगों को शनिवार, 4 जनवरी, 2025 को रिहा कर दिया गया। यह आदेश बचाव पक्ष द्वारा अदालत में अपनी दलीलें रखने के बाद आया.
बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्क
सुनवाई के दौरान निकिता सिंघानिया के वकील ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है, क्योंकि पुलिस के पास उन्हें गिरफ्तार करने का कोई वैध कारण नहीं है. बचाव पक्ष ने दावा किया कि घटना की और जांच की जरूरत है ताकि पूरी जानकारी मिल सके.
अदालत ने निकिता की जमानत की अनुमति दी, और यह चल रही जांच से मेल खाता है जिसमें अधिकारी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और अतुल सुभाष की दुखद मौत के पीछे के तथ्यों को स्थापित कर रहे हैं।