दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री आतिशी होंगी, जैसा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने पार्टी विधानमंडल की बैठक के दौरान घोषणा की। इस प्रस्ताव को विधायकों का सर्वसम्मति से समर्थन मिला।
इससे पहले आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने सोमवार 16 सितंबर को हुई बैठक में इस पद के लिए आतिशी के नाम की सिफारिश की थी।
केजरीवाल ने रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की
अरविंद केजरीवाल ने रविवार, 15 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपने के लिए वह आज बाद में उपराज्यपाल विनय सक्सेना से मुलाकात करेंगे।
केजरीवाल का यह फैसला दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के बाद आया है, जिसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी उनकी गिरफ्तारी की है। हालांकि उन्हें सीबीआई मामले में 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी और उसी दिन उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया था।
केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया?
केजरीवाल ने रविवार को AAP कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पद छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा, “मैं एक कठिन परीक्षा से गुजरना चाहता हूँ।” उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी पर उन्हें क्लीन चिट नहीं दे देते, तब तक वे मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद नहीं संभालेंगे। उन्होंने चुनाव आयोग से नवंबर में महाराष्ट्र के साथ ही दिल्ली के विधानसभा चुनाव कराने का भी आग्रह किया।
विचाराधीन अन्य उम्मीदवार
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए आप नेता गोपाल राय, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज सहित अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है।
आतिशी की नियुक्ति दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, और आने वाले महीनों में उनके नेतृत्व पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।