अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी मार्लेना को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। आतिशी को इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार क्यों माना गया, इसका विश्लेषण इस प्रकार है:
संकट के बीच अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभालना: शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आतिशी ने दिल्ली में एक दर्जन अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभाला। ये वे मंत्रालय थे, जिन्हें लेकर केजरीवाल खासे चिंतित थे और आतिशी ने उन्हें कुशलता से संभाला, अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया और पार्टी के भीतर भरोसा हासिल किया।
केजरीवाल से करीबी मार्गदर्शन: आतिशी अक्सर जेल में केजरीवाल से मिलने जाती थीं और उनसे मार्गदर्शन लेती थीं। केजरीवाल और अन्य वरिष्ठ आप नेताओं की अनुपस्थिति के दौरान, वह जनता से संवाद बनाए रखती थीं और मीडिया से बातचीत संभालती थीं। इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान स्थिति को संभालने की उनकी क्षमता ने उनकी योग्यता को साबित कर दिया।
केजरीवाल का आतिशी पर भरोसा: पार्टी में आतिशी का महत्व तब और उजागर हुआ जब केजरीवाल ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया, जिससे यह पता चला कि उन्हें आतिशी के नेतृत्व पर बहुत भरोसा है।
आप में आतिशी का लगातार उदय और संकट के समय दिल्ली के प्रशासन को संभालने की उनकी क्षमता ने उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नियुक्ति से आप के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजधानी के शासन में निरंतरता का संकेत मिलता है।