नई दिल्ली के मल्टी-इंस्ट्रूमेंटलिस्ट बाबा का नवीनतम अंग्रेजी सिंगल ‘होल्ड मी टुनाइट’ आईट्यून्स यूएस पॉप चार्ट में नंबर एक स्थान पर पहुंच गया। गायक-गीतकार और निर्माता ने विश्व इंडी चार्ट पर भी धूम मचाई, जहां यह गाना म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप पर 13वें स्थान पर पहुंच गया।
असम के रहने वाले बाबा ने पीटीआई-भाषा को बताया, “गीत ‘होल्ड मी टुनाइट’ चिंता के अनुभव को दर्शाता है और यह बताता है कि कैसे यह अक्सर एक व्यक्ति को प्रियजनों से दूर कर देता है, जिससे दुख की भावना और गहरी हो जाती है। यह इस पैटर्न को पहचानने और जीवन तथा रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए बदलाव लाने के बारे में है।”
उन्होंने कहा कि यह गीत, जो ‘व्यक्तिगत समस्याओं’ और ‘परिवर्तन की खोज’ को गहराई से दर्शाता है, महज एक आकर्षक धुन से कहीं अधिक है, बल्कि यह एक ‘कच्चा, भावनात्मक अनुभव’ है। यह गीत 15 अगस्त को आईट्यून्स पर शीर्ष पर पहुंच गया था।
उन्होंने इस एकल के लिए संगीत वीडियो का निर्देशन स्वयं किया है। स्वतंत्र रूप से निर्मित इस वीडियो में कलात्मक प्रक्षेपणों को दिखाया गया है जो कि निराशा के गर्त से उभरती आशा का प्रतीक है।
गायक बाबा कौन हैं?
बाबा, जिनका वास्तविक नाम अभिरुक पटवारी है, में बचपन से ही संगीत के प्रति रुचि पैदा हो गई थी और उन्होंने विभिन्न वाद्ययंत्रों को बजाना तथा विभिन्न संगीत शैलियों के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया था, जिससे अंततः उन्होंने विभिन्न शैलियों को मिलाकर एक विशिष्ट ध्वनि तैयार कर ली।
कुछ वर्षों तक पियानो सीखने के बाद, उन्होंने 12 वर्ष की आयु में ड्रम बजाना तथा 14 वर्ष की आयु में गिटार बजाना सीखकर अपने कौशल का विस्तार किया।
बाबा नाम चुनने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां मुझे बाबा कहती हैं और मेरा आंतरिक विचार भी मुझे बाबा कहता है, इसलिए यह नाम इस यात्रा के लिए उपयुक्त लगा।’’ बाबा की मां प्रख्यात साहित्यकार रीता चौधरी हैं, जो राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की पूर्व निदेशक थीं और उनके पिता चंद्र मोहन पटवारी असम कैबिनेट में मंत्री हैं।
पिछले कुछ सालों में बाबा ने कई अलग-अलग कलाकारों के नाम से कई एल्बम और सिंगल्स रिलीज़ किए हैं, जिन्हें प्रशंसकों के बीच काफ़ी लोकप्रियता मिली है। 17 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला एल्बम ‘एरियल’ गाया नाम से रिलीज़ किया। उन्होंने कहा, “यह कमर्शियल हिट नहीं था, लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।”
हाल ही में, बाबा ने एक अनोखी 30-दिवसीय गीत चुनौती शुरू की, जिसके तहत उन्होंने एक महीने तक हर दिन एक नया गीत लिखा, रिकॉर्ड किया, निर्मित किया, मिश्रित किया और मास्टर किया।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)