दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में जंतर-मंतर पर “जनता की अदालत” लगाई, जहां उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पांच तीखे सवाल पूछे। अरविंद केजरीवाल के सवाल बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों का समर्थन करने में आरएसएस की भूमिका पर केंद्रित थे।
1. क्या आरएसएस को मोदी द्वारा सरकार गिराने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करने से कोई आपत्ति नहीं है?
केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या आरएसएस मोदी के उस दृष्टिकोण से सहमत है जिसमें ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल दूसरे दलों के नेताओं पर दबाव बनाने और उन्हें डराने के लिए किया जाता है, जिससे विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारें गिर जाती हैं। उन्होंने पूछा, “क्या आपको लगता है कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए अच्छा है? क्या आपको नहीं लगता कि इससे हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचता है?”
2. क्या आरएसएस मोदी द्वारा भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल करने से खुश है?
उन्होंने यह भी बताया कि देश के कई सबसे भ्रष्ट नेताओं का भाजपा में स्वागत किया गया है, जबकि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पहले भी इन्हीं नेताओं को भ्रष्ट बता चुके हैं। केजरीवाल ने पूछा, “क्या आपने कभी सोचा था कि भाजपा इस तरह काम करेगी? क्या आप इस तरह की राजनीति से सहमत हैं?”
3. क्या आरएसएस भाजपा के वर्तमान मार्ग से सहमत है?
केजरीवाल ने सभी को याद दिलाया कि बीजेपी का जन्म आरएसएस से हुआ है और सवाल किया कि क्या आरएसएस के पास अभी भी यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि बीजेपी सही रास्ते से न भटके। केजरीवाल ने पूछा, “क्या आप आज बीजेपी के कामों से खुश हैं? क्या आपने कभी मोदी से ऐसा करने से मना किया है?”
4. क्या जेपी नड्डा की टिप्पणी से आरएसएस को ठेस पहुंची?
केजरीवाल ने एक चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें नड्डा ने कथित तौर पर कहा था कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या इस बयान से आरएसएस के सदस्यों को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा, “आरएसएस भाजपा के लिए मां की तरह है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि अब वह अपनी मां का अनादर कर रहा है? जब नड्डा ने यह कहा, तो क्या इससे आपको ठेस नहीं पहुंची? क्या इससे हर आरएसएस कार्यकर्ता को ठेस नहीं पहुंची?”
5. क्या मोदी पर भी 75 साल का नियम लागू होगा?
केजरीवाल ने रिटायरमेंट नियम का मुद्दा उठाया, जिसके अनुसार 75 वर्ष से अधिक आयु वाले किसी भी नेता को रिटायर होना चाहिए। यह नियम लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेताओं पर लागू किया गया था। हालांकि, अब दावा किया जा रहा है कि यह नियम मोदी पर लागू नहीं होगा। केजरीवाल ने पूछा, “क्या आप इससे सहमत हैं? क्या आडवाणी पर लागू होने वाला नियम मोदी पर भी लागू नहीं होना चाहिए?”
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