अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

Arvind Kejriwal Moves Supreme Court Against Delhi HC Order Upholding CBI Arrest Arvind Kejriwal Moves Supreme Court Against Delhi HC Order Upholding CBI Arrest


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आज मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस याचिका का उल्लेख किया। उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया कि पीएमएलए की धारा 45 के तहत तीन जमानत आदेशों के बावजूद केजरीवाल सलाखों के पीछे हैं।

सीजेआई ने सिंघवी को ईमेल भेजने को कहा। याचिका जल्द ही सूचीबद्ध होने की संभावना है।

पिछले हफ़्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने कथित शराब नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ़्तारी को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत याचिका को भी खारिज कर दिया और निचली अदालत में जाने की छूट दी।

उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, “यह नहीं कहा जा सकता कि गिरफ्तारी बिना किसी न्यायोचित कारण के की गई। जहां तक ​​जमानत आवेदन का सवाल है, इसे निचली अदालत में जाने की स्वतंत्रता के साथ निपटाया जाता है।”

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने केजरीवाल द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका और सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया।

हाईकोर्ट में सीबीआई ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उसने अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है और वह ट्रायल शुरू करने के लिए तैयार है। सीबीआई के वकील ने दलील दी कि केजरीवाल कैबिनेट के मुखिया हैं और उन्होंने नई आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने से ही केजरीवाल मास्टरमाइंड बन जाते हैं तो एलजी वीके सक्सेना ने भी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं, उन्हें भी मामले में पक्षकार बनाया जाना चाहिए। हालांकि, सीबीआई के वकील ने कहा कि सिंघवी मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

सीबीआई की ओर से पेश वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति मामले के पीछे मास्टरमाइंड हैं, क्योंकि उन्होंने ही मंत्रियों और सचिवालय के सदस्यों की नियुक्ति की थी, जिसमें मुख्य आरोपी विजय नायर भी शामिल है।

सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें जमानत पर सीधे उच्च न्यायालय सुनवाई कर सकता है, लेकिन उच्च न्यायालय जमानत पर सुनवाई करने वाला प्रथम न्यायालय नहीं बन सकता।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि 44 करोड़ रुपये की धनराशि का पता चला है और उस धन का इस्तेमाल गोवा चुनावों में किया गया था।

हालांकि सिंघवी ने तर्क दिया कि मामले में ज़्यादातर बयान सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। पिछली सुनवाई में केजरीवाल की ओर से पेश सिंघवी ने सीबीआई की गिरफ़्तारी को बीमा गिरफ़्तारी बताया था। उन्होंने तर्क दिया था कि जब सीबीआई को पता चला कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए मामले में केजरीवाल बाहर निकलेंगे, तो उन्होंने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ़्तार कर लिया, जहाँ वे पहले से ही बंद थे।

Exit mobile version