अरविंद केजरीवाल.
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज (22 सितंबर) दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ लगाई। तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा।
केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरएसएस से पूछा कि क्या वह भाजपा की उस राजनीति से सहमत है जिसमें वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर पार्टियों को तोड़ती है, विपक्षी सरकारों को गिराती है और भ्रष्ट नेताओं को अपने पाले में शामिल करती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पहली ‘जनता की अदालत’ सार्वजनिक बैठक में केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे, जिनमें यह भी शामिल था कि क्या सेवानिवृत्ति की आयु संबंधी भाजपा का नियम मोदी पर भी लागू होता है, जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी पर लागू होता है।
केजरीवाल ने कहा, “आरएसएस के लोग कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। पूरे सम्मान के साथ मैं मोहन भागवत जी से पांच सवाल पूछना चाहता हूं।” उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या वह भाजपा की राजनेताओं को “भ्रष्ट” कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की राजनीति से सहमत हैं।
ये हैं अरविंद केजरीवाल के 5 सवाल
जिस तरह से मोदी जी देशभर में पार्टियों को तोड़ रहे हैं और लालच देकर या ईडी और सीबीआई की धमकी देकर सरकारें गिरा रहे हैं, क्या ये सही है? मोदी जी ने अपनी पार्टी में सबसे भ्रष्ट नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें वो खुद भ्रष्ट कहते हैं, क्या आप ऐसी राजनीति से सहमत हैं? बीजेपी का जन्म आरएसएस की कोख से हुआ है, बीजेपी को भटकने न देना आरएसएस की जिम्मेदारी है, क्या आपने कभी मोदी जी को गलत काम करने से रोका है? जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उन्हें आरएसएस की जरूरत नहीं है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वो अपनी नाराजगी दिखाने लगा है? बेटा मातृ संस्था से अपनी नाराजगी दिखा रहा है. क्या आपको दुख नहीं हुआ जब उसने ये कहा? आप लोगों ने कानून बना दिया है कि नेता 75 साल के बाद रिटायर हो जाएंगे… अमित शाह कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा. जो आडवाणी जी पर लागू होता था, वो मोदी जी पर क्यों नहीं लागू होगा?…”
भाजपा ने आप के हर नेता को जेल में डाल दिया: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पिछले दस साल से हम ईमानदारी से सरकार चला रहे थे, हमने बिजली-पानी मुफ्त किया, लोगों के लिए इलाज मुफ्त किया, शिक्षा को बेहतरीन बनाया। मोदी जी को लगने लगा कि अगर उन्हें इनसे जीतना है तो इनकी ईमानदारी पर हमला करना होगा और फिर उन्होंने केजरीवाल, सिसोदिया और आप को बेईमान साबित करने की साजिश रची और एक-एक नेता को जेल में डाल दिया।”
‘दाग के साथ नहीं जी सकते’: अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, “वकीलों ने कहा कि यह केस दस साल तक चल सकता है। मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता। इसलिए मैंने सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊंगा। अगर मैं बेईमान होता तो मुफ्त बिजली के तीन हजार करोड़ रुपए हड़प लेता, महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं करता, बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता। 22 राज्यों में उनकी सरकार है, कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, कहीं भी महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं है, फिर चोर कौन है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं?”
जनता की सेवा के लिए राजनीति में आया हूं: आप प्रमुख
आबकारी नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में।
उन्होंने कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा है और उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि वे सोचते हैं कि वह बेईमान हैं तो उन्हें वोट न दें।
आप प्रमुख ने कहा कि वह नवरात्रि के दौरान “श्राद्ध” अवधि के बाद मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास से बाहर चले जाएंगे और उन लोगों के बीच रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं।