हाल ही में एक साक्षात्कार में, बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी ने फिल्म “कल्कि 2898 एडी” में प्रभास के प्रदर्शन के बारे में अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया। असंतोष व्यक्त करते हुए, उन्होंने चरित्र को “जोकर” जैसा बताया, जिस पर प्रशंसकों और उद्योग सहयोगियों ने समान रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त की। हंगामे के बाद, वारसी ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि उनकी आलोचना व्यक्तिगत नहीं थी बल्कि फिल्म की कहानी पर केंद्रित थी। यहां स्थिति का विवरण दिया गया है:
साक्षात्कार विवाद: एक यूट्यूब साक्षात्कार में, वारसी ने “कल्कि 2898 एडी” पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें फिल्म में मजा नहीं आया और उन्हें प्रभास का चित्रण असंतोषजनक लगा।
अपमान का आरोप: वारसी की प्रभास के बारे में “जोकर” जैसी टिप्पणी से अभिनेता के प्रशंसकों में आक्रोश फैल गया, जिन्होंने उन पर अनादर का आरोप लगाया।
उद्योग प्रतिक्रिया: नानी और सुधीर बाबू सहित साथी कलाकारों ने प्रभास के साथ एकजुटता दिखाते हुए वारसी की टिप्पणियों पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की।
निर्देशक की प्रतिक्रिया: फिल्म के निर्देशक नाग अश्विन ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की और सुझाव दिया कि वारसी को बोलने से पहले सोचना चाहिए।
वारसी का स्पष्टीकरण: IIFA अवार्ड्स के दौरान, वारसी ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियाँ चरित्र के बारे में थीं, न कि प्रभास पर व्यक्तिगत हमला, जिनका वह एक असाधारण अभिनेता के रूप में सम्मान करते हैं।
असंतोष की अभिव्यक्ति: वारसी ने कहा, “यह निराशाजनक है जब एक प्रतिभाशाली अभिनेता को खराब भूमिका दी जाती है,” यह दोहराते हुए कि उनकी आलोचना पूरी तरह से पेशेवर थी।
सम्मान बनाए रखना: उन्होंने प्रभास की प्रतिभा को स्वीकार किया और दोहराया कि वह लगातार खुद को एक महान कलाकार साबित करते हैं।
निरंतर चर्चाएँ: यह विवाद फिल्म उद्योग में आलोचनाओं के आसपास की संवेदनशीलता को उजागर करता है, जिससे इस बात पर चर्चा होती है कि सार्वजनिक बयान प्रतिष्ठा को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।