एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए जीवनशैली में ये 5 बदलाव अपनाएं
त्योहारों के मौके पर लोग ज्यादा खाने से परहेज नहीं करते, जिससे शरीर में पाचन संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, खाने के अलावा जीवनशैली से जुड़ी कई गलतियां भी सूजन, पेट दर्द, अपच और कब्ज को बढ़ाती हैं। इसी तरह एसिडिटी की समस्या भी बनी रहती है. बार-बार तला हुआ और मीठा खाना खाने से पेट में एसिड बनने लगता है, जिससे एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है। जो लोग पहले से ही इस समस्या से पीड़ित हैं उन्हें बार-बार एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। त्योहारी सीजन के बाद एसिडिटी को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में ये बदलाव अपनाएं।
एसिडिटी क्यों होती है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, पेट में मौजूद एसिड बेहद अम्लीय होता है। यह तत्व भोजन को पचाने और शरीर में उसके अवशोषण में मददगार साबित होता है। इसकी मदद से शरीर को पोषण मिलता है और एंजाइम भी बनने लगते हैं। लेकिन पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने से एसिड रिफ्लक्स और अल्सर का खतरा बढ़ जाता है। इसका असर खाना पचाने की क्षमता पर भी दिखने लगता है.
एसिडिटी को नियंत्रित करने के लिए, पाचन में सुधार के लिए जीवनशैली में ये 5 बदलाव अपनाएं:
भोजन की मात्रा छोटी रखें: अधिक खाने से बचें और हर कुछ मिनटों में थोड़ी मात्रा में भोजन करें। एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए 3 से 4 घंटे के अंतराल पर भोजन करें। इसके अलावा देर रात खाने से भी बचना चाहिए. दरअसल खाने के बाद सोने से भी एसिडिटी बढ़ती है. अपने आहार में स्वस्थ विकल्प शामिल करें: शरीर को किसी भी प्रकार की पाचन समस्या से बचाने के लिए आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें। इसके अलावा, तैलीय और प्रसंस्कृत भोजन की मात्रा कम करें और साबुत अनाज, दालें और बीज और नट्स के साथ भोजन को स्वस्थ बनाएं। फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से कब्ज और एसिडिटी की समस्या भी दूर हो जाती है। शरीर को निर्जलीकरण से बचाएं: कार्बोनेटेड पेय पदार्थों और कैफीन के बजाय खूब पानी पिएं। इससे पेट में एसिड बनने से रोका जा सकता है। यह चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा, क्षारीय पानी का सेवन पाचन को बढ़ावा देता है और शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है। खाना अच्छे से चबाएं: जो लोग जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं, उनके पेट में खाने के अलावा गैस भी जमा होने लगती है, जो एसिडिटी का कारण बनती है। ऐसे में भोजन को ठीक से चबाएं ताकि पाचक रस भोजन के अवशोषण में मदद कर सकें। वर्कआउट रूटीन का पालन करें: नियमित व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। सुबह उठकर कुछ देर मेडिटेशन के अलावा कार्डियो एक्सरसाइज भी करें। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित रहता है और शरीर सक्रिय रहता है। गतिहीन जीवनशैली के कारण शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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