बवासीर से राहत पाने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय।
खराब जीवनशैली और खान-पान के कारण पेट खराब होने लगता है। जब पेट लंबे समय तक खराब रहता है तो यह बवासीर का कारण बन सकता है। पेट साफ न होने से स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। आयुर्वेद में बवासीर को ‘अर्श’ कहा जाता है। जब शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों दोष दूषित हो जाते हैं तो इसे त्रिदोषज रोग कहा जाता है। जब बवासीर में वात या कफ की मात्रा अधिक हो तो उसे सूखी बवासीर कहते हैं। यदि बवासीर में खून और पित्त की मात्रा बढ़ जाए तो यह खूनी बवासीर हो जाती है जिसमें अधिक दर्द होता है। अगर आपको भी यह समस्या है तो अपने खान-पान में कुछ बदलाव लाएं और कुछ घरेलू उपाय भी अपनाएं। इससे एक हफ्ते के अंदर ही बवासीर की समस्या खत्म हो जाएगी।
एलोवेरा का करें इस्तेमाल- पाइल्स के मरीजों को एलोवेरा का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. एलोवेरा का गूदा खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बाबा रामदेव आयुर्वेद में बवासीर का अचूक इलाज बताते हैं जिसमें रोजाना फाइबर युक्त एलोवेरा जूस पीने की सलाह दी जाती है। एलोवेरा अंदरूनी और बाहरी दोनों तरह की बवासीर के लिए फायदेमंद है। इसके लिए रोजाना 200-250 ग्राम एलोवेरा का गूदा खाएं। इससे कब्ज नहीं होगी और मल त्यागने में आसानी होगी। आप चाहें तो बवासीर की जलन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
बवासीर में कारगर है जीरा और सौंफ- बवासीर की समस्या का एक और अच्छा इलाज है सौंफ और जीरा. जी हां, खूनी बवासीर में जीरा काफी कारगर साबित होता है। इसके लिए जीरे को भूनकर मिश्री के साथ पीस लें. – इसी तरह सौंफ को भी बिना भूने पीस लें और मिश्री मिला लें. इस चूर्ण को 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2-3 बार खाएं। जीरे को छाछ के साथ लें. इससे आपको कुछ ही दिनों में राहत मिल जाएगी.
पपीता- बवासीर के लिए पपीता सबसे असरदार फल माना जाता है. पपीता एक ऐसा फल है जो पुरानी से पुरानी कब्ज को भी ठीक कर देता है। रोजाना एक प्लेट पपीता खाने से आप बवासीर की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। पपीते में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो पेट साफ करता है। पाइल्स के मरीजों को जितना हो सके फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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