एम्स दिल्ली
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली, सर्जनों के प्रशिक्षण के लिए समर्पित दो अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी उपकरणों के साथ सबसे बड़ा रोबोटिक सर्जरी कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनने के लिए तैयार है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बुधवार को कहा कि यह संस्थान भारत में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अग्रणी है, जिसकी उत्कृष्टता की विरासत दुनिया भर के चिकित्सा संस्थानों को प्रेरित करती रहती है।
केंद्रीय मंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के 69वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की।
जाधव ने दिल्ली एम्स के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “एम्स दिल्ली ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और वह दुनिया में शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में से एक बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प है।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के बाद से लगातार सातवें वर्ष एम्स दिल्ली को भारत के चिकित्सा संस्थानों में नंबर एक स्थान दिया गया है।
जाधव ने कहा, “इस संस्थान की निरंतर निर्विवाद स्थिति एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।”
उन्होंने बताया कि एम्स दिल्ली अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय चिकित्सा महाविद्यालय नेटवर्क (एनएमसीएन) के राष्ट्रीय संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि इससे स्नातक, परास्नातक और सतत चिकित्सा शिक्षा को बढ़ाने के लिए 100 से अधिक चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ संपर्क स्थापित करने में मदद मिली है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस उद्देश्य को राष्ट्रीय शिक्षण प्रबंधन और सूचना प्रणाली, SAKSHYAM के निर्माण से सुगम बनाया जा रहा है, जिसे पिछले वर्ष लॉन्च किया गया था।”
‘दिल्ली एम्स में एआई आधारित समाधान’
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्मित इस केंद्र से राष्ट्रीय कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए छाती के एक्स-रे के मूल्यांकन, मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी का शीघ्र पता लगाने और त्वचा के घावों की पहचान के साथ-साथ अन्य उपकरणों के लिए एआई-आधारित समाधान उपलब्ध कराने की उम्मीद है।
जाधव ने कहा, “एम्स सबसे बड़ा रोबोटिक सर्जरी कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनने के लिए तैयार है, जिसमें सर्जनों के प्रशिक्षण के लिए समर्पित दो अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी उपकरण होंगे।”
‘2,200 कमरों वाला नया छात्रावास परिसर जल्द ही बनेगा’
मंत्री ने कहा कि एम्स ने लगभग 900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 2,200 कमरों वाले एक नए छात्रावास परिसर के निर्माण की योजना बनाई है।
उन्होंने हाल ही में जोड़ी गई मातृ एवं शिशु ब्लॉक, शल्य चिकित्सा ब्लॉक और राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र जैसी नई शैक्षणिक सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला, जो अब पूरी तरह कार्यात्मक हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षों में, इनपेशेंट बेड की संख्या में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है और गहन देखभाल और ऑपरेशन थियेटर सेवाओं में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन नई सुविधाओं से एम्स की विशाल नैदानिक मांग को पूरा करने की क्षमता में सुधार होगा।”
उन्होंने कहा कि एम्स दिल्ली को मैदानगढ़ी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान (सीएपीएफआईएमएस) के संचालन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
बताया गया कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा 900 से अधिक बाह्य अनुसंधान परियोजनाओं को वित्त पोषित किया जा रहा है, जिनकी कुल अनुदान राशि लगभग 200 करोड़ रुपये है, जबकि एम्स ने स्वयं 240 से अधिक अंतःविषय अनुसंधान परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, इसके अलावा छात्रों, निवासियों, पीएचडी विद्वानों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के लिए यात्रा फेलोशिप प्रदान की है।
एम्स, दिल्ली ने BIRAC-BioNEST योजना के अंतर्गत बायो-इनक्यूबेटर के रूप में चिकित्सा नवाचार एवं उद्यमिता केंद्र भी शुरू किया है।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)