कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिससे महिला डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं।
एबीपी न्यूज़ के ‘ऑपरेशन आरजी कार’ के ज़रिए मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर सक्रिय माफिया नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। जांच से पता चला है कि कैसे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के नेतृत्व में यह नेटवर्क घटना के बाद सक्रिय हो गया। साथ ही, यह भी पता चला है कि कैसे इस जघन्य अपराध की जांच को पटरी से उतारने की कोशिश की गई।
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— एबीपी न्यूज़ (@ABPNews) 23 अगस्त, 2024
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. रीना दास उस टीम का हिस्सा थीं जिसने पीड़िता का पोस्टमार्टम किया था। शुरू में बोलने में हिचकिचाहट दिखाने वाली डॉ. दास ने बातचीत के दौरान कुछ लिंक बताए जाने के बाद आखिरकार अपनी बात रखी।
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जब उनसे पूछा गया कि क्या पोस्टमार्टम के दौरान कोई दबाव था, तो डॉ. दास ने इससे इनकार किया, लेकिन एक अलग संभावना की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “मुझ पर ऐसा कोई दबाव नहीं डाला गया, लेकिन हो सकता है कि चूंकि मैं वहां मौजूद थी, इसलिए वे ऐसा कुछ नहीं कर सके।”
सामने आए आरोपों के अनुसार, पोस्टमार्टम के लिए आए शवों का दुरुपयोग किया गया और पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ कई शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।