श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में केवल भय और अराजकता लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र अब उनके नियंत्रण में नहीं रहेगा, क्योंकि स्थानीय युवा अब उन्हें चुनौती दे रहे हैं।
उन्होंने इन तीनों परिवारों पर यह विश्वास करने का भी आरोप लगाया कि किसी भी तरह से सत्ता हथियाना और जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।
श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “तीनों परिवार सोचते हैं कि किसी भी तरह से सत्ता हथियाना और फिर आप सभी को लूटना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। उनका राजनीतिक एजेंडा जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित करना रहा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केवल भय और अराजकता दी है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर इन तीन परिवारों की गिरफ़्त में नहीं रहेगा…अब हमारे युवा उन्हें चुनौती दे रहे हैं। जिन युवाओं को उन्होंने आगे नहीं बढ़ने दिया, वे उनके खिलाफ़ खड़े हो गए हैं।”
मोदी ने विभाजन पैदा करने के लिए कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की आलोचना की और कहा कि भाजपा सभी को एकजुट कर रही है और ‘दिल’ और दिल्ली के बीच की खाई को पाट रही है।
कश्मीर-कश्मीर अब यहां के तीन खानदानों के शिकंजे में नहीं रहते, क्योंकि यहां का हर जम्मू-कश्मीर खतरा मंडरा रहा है। pic.twitter.com/hGqzIrXefO
-नरेंद्र मोदी (@नरेंद्रमोदी) 19 सितंबर, 2024
“कांग्रेस-एनसी-पीडीपी ने बस विभाजन किया। लेकिन बीजेपी सबको एकजुट कर रही है। हम ‘दिल’ और दिल्ली के बीच की दूरी को पाट रहे हैं।”
पीएम मोदी ने दावा किया कि अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी परिवार ने लोकतंत्र में युवाओं के विश्वास को नष्ट कर दिया है, लेकिन अब युवाओं को एहसास हो रहा है कि केवल उनका वोट ही वास्तविक परिवर्तन ला सकता है।
पीएम मोदी ने कहा, “यहां के तीन परिवार जम्मू-कश्मीर की राजनीति को अपनी जागीर समझते हैं। वे अपने परिवार के अलावा किसी और को आगे नहीं आने देना चाहते। वरना, उन्होंने पंचायत, बीडीसी और डीडीसी के चुनाव क्यों रोके थे? उन्हें लगता था कि इससे राजनीति में नए लोग उभरेंगे और उनके परिवार की सत्ता को चुनौती देंगे। उनके स्वार्थ का नतीजा ये हुआ कि यहां के युवाओं का लोकतंत्र से भरोसा उठने लगा। उन्हें लगने लगा कि वे वोट दें या न दें, ये तीनों परिवार सत्ता में जरूर आ जाएंगे। पहले की तुलना में अब बहुत कुछ बदल गया है… यहां के युवाओं में ये विश्वास पैदा हुआ है कि उनका वोट ही असली बदलाव ला सकता है।”
जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान हो रहा है। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को हुआ था, बाकी दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।