यूपी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप, किसी गठबंधन पर बातचीत नहीं: संजय सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि आप उत्तर प्रदेश में सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि आप को छोटी पार्टी समझना गलत होगा, क्योंकि हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में आप कांग्रेस से “मजबूत” बनकर उभरी है। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप ने स्पष्ट किया कि वह अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिए किसी अन्य पार्टी के साथ बातचीत नहीं कर रही है।
आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी सिंह ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमारी पार्टी राज्य में कांग्रेस से ज्यादा मजबूत है। कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में 40 सीटें जीतीं, जबकि हमने 83 पंचायतों में जीत दर्ज की। आप को इन चुनावों में 40 लाख से ज्यादा वोट मिले, जहां पार्टी के 1600 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।’’
2017 में 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस सात सीटों पर सिमट गई थी।
आप ने इससे पहले 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में उत्तर प्रदेश की कुछ चुनिंदा सीटों पर चुनावी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली थी।
दिल्ली में सत्ता में आने के बाद, यह पंजाब में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी और गोवा, उत्तराखंड और गुजरात जैसे अन्य राज्यों में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने स्वयं 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा था और कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों से आगे रहकर दूसरे स्थान पर रहे थे।
आप ने उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, अलीगढ़ और गौतमबुद्ध नगर की तीन सीटों पर भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकी।
सिंह ने कहा, “हम सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल हम किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन के लिए बातचीत नहीं कर रहे हैं। हमारा ध्यान राज्य में अपना आधार मजबूत करने पर है और पिछले डेढ़ महीने में हमने एक करोड़ से अधिक सदस्य बनाए हैं।”
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर निवासी 49 वर्षीय सिंह ने कहा, “पार्टी ने 100-150 सीटों पर विधानसभा प्रभारी नियुक्त किए हैं और हमारे नेता उन लोगों से मिल रहे हैं जो चुनाव लड़ना चाहते हैं।”
राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में आप द्वारा उठाया जाने वाला मुख्य मुद्दा “भाजपा का राष्ट्रवाद बनाम आप का राष्ट्रवाद” होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का राष्ट्रवाद फर्जी है। इसका राष्ट्रवाद नफरत और सांप्रदायिकता से भरा है। वहीं, आप का राष्ट्रवाद अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, महिला सुरक्षा और खुशी प्रदान करना है।’’ उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वह आप के शासन मॉडल से ‘‘डर गई है’’ और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ देशद्रोह समेत 16 मामले दर्ज किए गए। देशद्रोह के एक मामले में मुझे सुप्रीम कोर्ट से स्थगन मिला। भाजपा प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। उन्होंने यहां हमारा कार्यालय बंद कर दिया। हम उनका डटकर सामना कर रहे हैं।”
सिंह ने कहा, “आप का शासन मॉडल शिक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबों व जरूरतमंदों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने पर केंद्रित है। हमारा मॉडल भाजपा की जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति का जवाब है।”
उन्होंने कहा कि नौकरियां, बेरोजगारी भत्ता और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाना उन मुद्दों में शामिल हैं जिन्हें पार्टी उठाएगी।
यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि इसका असर 2024 के आम चुनाव पर भी पड़ेगा। विपक्ष को कोविड-19 महामारी के कारण इस राज्य में भाजपा के खिलाफ एक अवसर दिख रहा है।
जहां सपा और बसपा ने विभिन्न समुदायों को लुभाने के लिए अपना चुनाव अभियान शुरू कर दिया है, वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में जमीनी स्तर पर पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, आप और एक दर्जन से अधिक छोटी जाति-केंद्रित क्षेत्रीय पार्टियों ने भी घोषणा की है कि वे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में चुनाव मैदान में उतर रही हैं।
सिंह ने कहा कि वे पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “विफलताओं” को उजागर करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया, “हम उन्हें जमीनी स्तर पर बेनकाब कर रहे हैं। इस सरकार ने चुनावों के दौरान किए गए वादे के अनुसार हर गांव में श्मशान घाट बनवाए। कोरोना महामारी में हर गांव श्मशान बन गया और लोग इलाज और दवाइयों के अभाव में मर गए।”
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार अपराध और आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने में विफल रही है। हाथरस और अन्य घटनाओं ने कानून-व्यवस्था के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, “घोटालों की भरमार है और यहां तक कि कुंभ और राम मंदिर को भी घोटालेबाजों ने नहीं बख्शा।”
उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में राज्य ‘पिछड़ा’ हो गया है क्योंकि उनके पास ‘विकास की कोई अवधारणा नहीं है’। उन्होंने कहा कि लोगों की ‘क्रय शक्ति’ बढ़ाए बिना कोई आर्थिक वृद्धि नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और अन्य छोटे दलों के मोर्चों की मौजूदगी के बारे में सिंह ने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है।”
लोकपाल विधेयक के लिए गांधीवादी अन्ना हजारे के आंदोलन से सुर्खियों में आए केजरीवाल पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी पार्टी के अभियान की अगुवाई कर रहे हैं, जहां आप खुद को भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के रूप में पेश कर रही है।
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