दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले में जमानत पर रिहा किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने तिहाड़ जेल के बाहर जमकर आतिशबाजी की। इससे कई लोगों में चिंता और सवाल पैदा हो गए हैं।
दिल्ली सरकार ने पहले ही 1 जनवरी 2025 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जो दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों पर भी लागू होता है। केजरीवाल की रिहाई का जश्न मनाने के लिए पटाखों के इस्तेमाल की आलोचना हुई है।
फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, “हम अपने त्यौहारों पर पटाखे नहीं जला सकते, चाहे वह दिवाली हो या गुरुपर्व। लेकिन जब मुख्यमंत्री केजरीवाल जमानत पर रिहा होते हैं, तो खुलेआम पटाखे जलाए जाते हैं। क्या इससे प्रदूषण नहीं होता?”
इस मुद्दे ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अगर दिल्ली सरकार प्रदूषण के नाम पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाती है, तो सीएम के विमोचन समारोह के दौरान आतिशबाजी को कैसे उचित ठहराया जा सकता है? क्या प्रतिबंध केवल आम लोगों के लिए है, जबकि राजनीतिक दलों को इससे छूट है?
पम्मा ने आगे कहा, “कारोबार को नुकसान पहुंचाने वाले और त्योहारों को खराब करने वाले ये प्रतिबंध क्या सिर्फ़ आम लोगों के लिए हैं? जब राजनीतिक समारोह होते हैं, तो क्या प्रदूषण चिंता का विषय नहीं रह जाता?” उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से कार्रवाई की मांग की है।