अगस्त में भारत के निर्यात में 9.3 प्रतिशत की गिरावट, आयात में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में भारत का कुल निर्यात, जिसमें वस्तुएँ और सेवाएँ दोनों शामिल हैं, 2.4% घटकर 65.4 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 67 बिलियन अमरीकी डॉलर था। वस्तुएँ निर्यात 38.28 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 34.71 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया, जबकि सेवाओं का निर्यात 28.71 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 30.69 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
वर्ष-दर-वर्ष प्रदर्शन और भविष्य का दृष्टिकोण
2024-25 के पहले पाँच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में कुल निर्यात 328.86 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जो साल-दर-साल 5.35% की वृद्धि दर्शाता है। हाल की गिरावट के बावजूद, सरकार 800 बिलियन अमरीकी डॉलर के अपने पूरे साल के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के बारे में आशावादी बनी हुई है।
आयात और व्यापार घाटा बढ़ा
अगस्त में भारत का कुल आयात 3.45% बढ़कर 80.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले साल के 77.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा है। इससे व्यापार घाटा बढ़ गया, जो अगस्त में 10.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 14.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड निर्यात
भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 778 बिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात दर्ज किया, जिसमें सेवा निर्यात बढ़कर 341.1 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया और व्यापारिक निर्यात मामूली रूप से घटकर 437.1 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया। इसके बावजूद, कुल आयात 2022-23 में 898 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 853.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जिससे व्यापार घाटा 121.6 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 75.6 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया।
सरकारी पहल का सकारात्मक प्रभाव दिखा
घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने भारतीय निर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और देश की आयात निर्भरता को कम करने में योगदान दिया है। यह पहल इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य प्रमुख उद्योगों जैसे क्षेत्रों में सफलता के संकेत दे रही है।
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