जम्मू-कश्मीर में एनसी और कांग्रेस के शासन में 40,000 लोग मारे गए, आतंकवाद बढ़ा: अमित शाह

जम्मू-कश्मीर में एनसी और कांग्रेस के शासन में 40,000 लोग मारे गए, आतंकवाद बढ़ा: अमित शाह

पुंछ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा और हजारों लोग मारे गए।

शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट में एक चुनावी रैली में कहा, “कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने यहां 35 साल तक राज किया, आतंकवाद बढ़ा, 40 हजार लोग मारे गए, तीन हजार दिन तक जम्मू-कश्मीर बंद रहा, आठ साल तक यह अंधेरे में डूबा रहा। इसके लिए आप (कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस) जिम्मेदार हैं।”

उन्होंने कहा, “फारूक अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष) यहां आए और लोगों में यह डर पैदा किया कि आतंकवाद जम्मू क्षेत्र के पुंछ, राजौरी, डोडा और पहाड़ियों में फैल जाएगा। लेकिन किसी में भी पहाड़ियों में आतंकवाद लाने की हिम्मत नहीं है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम आतंकवाद को खत्म कर देंगे।”

केंद्रीय मंत्री ने सिखों के खिलाफ़ टिप्पणी के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करते हैं और उसी ‘मोहब्बत की दुकान’ से आतंकवाद के लिए आदेश जारी करते हैं और कहते हैं – पाकिस्तान से बातचीत करो। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद बंद नहीं करता, तब तक पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी। बातचीत सिर्फ़ मेरे पहाड़ी बच्चों से होगी।”

अमित शाह ने क्षेत्र के लिए भाजपा के चुनावी वादों को भी दोहराया, “यहां (जम्मू कश्मीर) घर की सबसे बुजुर्ग महिला को सालाना 18,000 रुपये दिए जाएंगे। उज्ज्वला लाभार्थियों को 2 सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे और इसके साथ ही सिलेंडर की कीमत 500 रुपये कर दी जाएगी। पीएम-किसान के तहत दी जाने वाली 6,000 रुपये की सालाना राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाएगा।”

इससे पहले दिन में जम्मू-कश्मीर के मेंढर में एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “1947 से लेकर अब तक पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए हर युद्ध में इस भूमि, जम्मू-कश्मीर के सैनिकों ने भारत की रक्षा की है। जब 1990 के दशक में फारूक अब्दुल्ला की बदौलत आतंकवाद आया, तो मेरे पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल भाइयों ने ही सीमाओं पर गोलियों का बहादुरी से सामना किया।”

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के घोषणापत्र, जिसमें अनुच्छेद 370 को बहाल करने और जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा वापस लाने का वादा किया गया है, पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, “यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों के शासन को समाप्त करने जा रहा है: अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार और नेहरू-गांधी परिवार। इन तीनों परिवारों ने यहां लोकतंत्र को रोका था। अगर 2014 में मोदी जी की सरकार नहीं आती, तो पंचायत, ब्लॉक और जिले के चुनाव नहीं होते।”

उन्होंने कहा, “अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार ने 90 के दशक से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाया है। आज श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को खत्म कर दिया है। यहां के युवाओं को पत्थर की जगह लैपटॉप दिए गए हैं।”

शाह ने स्थानीय युवाओं की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी पर भी प्रकाश डाला और कहा, “मोदी जी के अथक प्रयासों के कारण, आज लगभग 30,000 कश्मीरी युवा विभिन्न स्तरों पर चुनाव लड़ रहे हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं।”

सुरक्षा स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “क्या आपको याद है कि 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कितनी गोलीबारी होती थी? क्या अब भी गोलीबारी होती है? पहले यहां गोलीबारी होती थी क्योंकि यहां के आका पाकिस्तान से डरते थे, अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से डरता है। उनमें गोली चलाने की हिम्मत नहीं है और अगर वे ऐसा करते हैं तो गोलियों का जवाब गोले से दिया जाएगा।”

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। पीडीपी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस जैसी अन्य पार्टियां 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ रही हैं।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पहला चुनाव है। नेताओं ने अपने पार्टी उम्मीदवारों की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जोरदार प्रचार अभियान चलाया है। जम्मू-कश्मीर में दूसरे और तीसरे चरण के लिए मतदान क्रमशः 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।

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