कोटा में 21 वर्षीय NEET अभ्यर्थी ने आत्महत्या कर ली; फांसी रोकने वाला कोई उपकरण नहीं मिला

कोटा में 21 वर्षीय NEET अभ्यर्थी ने आत्महत्या कर ली; फांसी रोकने वाला कोई उपकरण नहीं मिला

हाल ही में NEET परीक्षा की तैयारी करने कोटा आए 21 वर्षीय छात्र ने कुछ परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के बरसाना का रहने वाला यह छात्र पुराना जवाहर नगर इलाके में किराए के कमरे में रहकर एक निजी कोचिंग संस्थान के माध्यम से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। वह कोटा में केवल सात दिन ही रहा था, तभी उसने यह कदम उठाया। माना जा रहा है कि उसने फांसी लगाकर जान दी है, लेकिन उसकी आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। घटना की जांच की जा रही है।

जवाहर नगर थाने के सब इंस्पेक्टर गोपाल लाल बैरवा के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मथुरा के मानपुर बरसाना निवासी 21 वर्षीय परशुराम पुत्र खचरमल का शव बरामद हुआ है। मकान मालिक अनूप कुमार ने बुधवार रात 11:30 बजे पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक राजेश टेलर, थानाधिकारी हरिनारायण शर्मा व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम को भी बुलाया गया और शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया।

दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया, कोई एंटी-हैंगिंग डिवाइस नहीं मिला

कोटा में कई छात्रावास और पीजी आवास कथित तौर पर जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस मामले में, जिस कमरे में छात्र की मौत हुई, उसमें कोई एंटी-हैंगिंग डिवाइस नहीं थी, जो अधिकारियों द्वारा आदेशित एक निवारक उपाय है। जिला प्रशासन ने पहले सभी पीजी और छात्रावासों को कमरों में ऐसे उपकरण लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, साइट पर कोई प्रशिक्षित गेटकीपर भी नहीं था। घटना के बारे में अधिकारियों को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

सब इंस्पेक्टर गोपाल लाल बैरवा ने बताया कि मकान मालिक ने आखिरी बार शाम को परशुराम को देखा था, जब वह कपड़े सुखा रहा था। उसके बाद जब परशुराम नहीं दिखा तो मकान मालिक ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने पुलिस को सूचना दी। परशुराम की आत्महत्या के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। कोटा में इस साल कोचिंग छात्र की आत्महत्या का यह 12वां मामला है। छात्र के परिवार को सूचना दे दी गई है और वे कोटा पहुंच गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है।

‘हमने उससे घर वापस आने को कहा’, चाचा ने कहा

छात्र के चाचा चतर सिंह ने दुख जताते हुए कहा, “हमारा बच्चा ऐसा नहीं था। हमने मेहनत मजदूरी करके उसे पढ़ाया है। वह दो साल से तैयारी कर रहा था और 30 अगस्त को ही कोटा लौटा था। इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। वह हमसे अक्सर बात करता था और हम उसे फोन भी कर रहे थे, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद हम कोटा आ गए।”

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